एक पैर पर 12 साल की तपस्या, हर पल जपा श्रीराम का नाम.... 110 वर्षीय सियाराम बाबा ने त्यागा शरीर, दौड़ी शौक की लहर

Sant Siyaram Passes Away: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा ने देह त्याग दिया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. बाबा के निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ पड़ी हैं. उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही हैं.

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Sant Siyaram Passes Away: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में 110 वर्षीय संत सियाराम बाबा ने बुधवार सुबह 5 बजे देह त्याग दिया. बाबा के निधन की सूचना मिलते ही निमाड़ क्षेत्र सहित देशभर में उनके लाखों श्रद्धालुओं के बीच शोक की लहर दौड़ गई. 

अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु 

सियाराम बाबा के देह त्याग की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु आश्रम पहुंचने लगे. दिल्ली, मुंबई और अन्य शहरों से लोग अंतिम दर्शन के लिए तेली भट्यान आश्रम का रुख कर रहे हैं. 

स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद चला इलाज

बाबा पिछले 10 दिनों से अस्वस्थ थे और निमोनिया से जूझ रहे थे. उनका इलाज इंदौर एमवायएच और खरगोन के डॉक्टरों की टीम द्वारा आश्रम में किया जा रहा था. जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर निगरानी रखी जा रही थी. 

बाबा के निधन की पुष्टि

मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएस सिसौदिया ने सियाराम बाबा के निधन की पुष्टि की है, जिससे उनके भक्तों में उदासी छा गई है. 

सेवादारों के अनुसार, सियाराम बाबा दान स्वरूप ज्यादातर ₹10 ही लेते थे, जिसे वह नर्मदा घाटों की मरम्मत और विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के उन्नयन में उपयोग करते थे. हालांकि वह ज्यादा शिक्षित नहीं थे, फिर भी वह निरंतर रामचरितमानस का पाठ करते रहते थे. आने वाले भक्तों को वे आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करते और उन्हें सकारात्मक ऊर्जा से भर देते थे.

कहा जाता है कि सियाराम बाबा ने 12 सालों तक एक पैर पर खड़े रहकर तपस्या की. वे हमेशा लंगोट पहनते थे और किसी भी तरह का मौसम हो वे अपने काम स्वयं करते थे. बाबा खुद ही अपना भोजन पकाते थे, जिससे उनकी साधना और समर्पण की गहरी झलक मिलती थी. First Updated : Wednesday, 11 December 2024