Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन यानी की बुधवार, (6 दिसंबर) को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यसभा को बताया कि अब तक कुल 15 संगठनों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गैरकानूनी संघ घोषित किया गया है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इन सभी संगठनों को 2019 और 2023 के बीच यूएपीए, 1967 की धारा 3 के तहत गैरकानूनी संघ घोषित किया गया था.
इस सवाल के जवाब में मंत्री नित्यानंद राय ने संसद को बताया कि "2019 में 15 में से आठ को गैरकानूनी संघ घोषित किया गया था, 2020, 2021 और 2022 में एक-एक और इस साल अब तक चार को गैरकानूनी संघ घोषित किया गया था."
इन सभी संगठनों को गैरकानूनी घोषित किया गया.
'यूएपीए कानून के कारण देश में कम हुए आतंकवादी मामले'
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने संसद में कहा कि यूएपीए अधिनियम, 1967 के प्रावधानों के तहत सभी हितधारकों द्वारा ठोस कार्रवाइयों के कारण देश में आतंकवाद से संबंधित अपराध को काफी हद तक रोकने पर सकारात्मक प्रभाव डाला है. गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) व्यक्तियों और संघों की कुछ गैरकानूनी गतिविधियों की अधिक प्रभावी रोकथाम और आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए उपयोग किया जाता है.
इस अधिनियम के तहत गैरकानूनी गतिविधियों, गैरकानूनी संघों की सदस्यता के साथ-साथ ऐसे संघों के धन से निपटने, आतंकवादी कार्यों और आतंकवादी संगठनों के लिए धन जुटाने, आतंकवादी शिविरों का आयोजन करने, आतंकवाद की आय रखने, सदस्यता या समर्थन को अपराध माना जाता है.
व्यक्तिगत आतंकवादियों को नामित करने का अधिकार
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 में 2019 में संशोधन की मुख्य विशेषताओं में भारतीय कानूनी प्रणाली के तहत व्यक्तिगत आतंकवादियों को नामित करना और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करना है. केंद्र सरकार को अब व्यक्तिगत आतंकवादियों को नामित करने का अधिकार दिया गया है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जांच किए गए मामलों में, एनआईए के महानिदेशक को जांच में तेजी लाने और ऐसी संपत्तियों में हेरफेर की संभावनाओं को रोकने के लिए आतंकवाद की आय का प्रतिनिधित्व करने वाली संपत्ति की जब्ती और कुर्की के लिए मंजूरी देने का अधिकार दिया गया है. First Updated : Wednesday, 06 December 2023