IMD के 150 साल: जानें जब नहीं थी तकनीक तो कैसे की जाती थी मौसम की भविष्यवाणी?
IMD at 150: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) अपनी 150वीं वर्षगांठ मना रहा है. मौसम का हाल बताने वाला IMD केवल भारत को ही अपनी सेवाएं नहीं देता है, बल्कि नेपाल, मालदीव, श्रीलंका, बांग्लादेश और मॉरीशस को यह अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित करने में मदद कर रहा है, जिससे विपरीत मौसम में जान-माल के नुकसान को रोका जा सके.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आज अपनी 150वीं वर्षगांठ मनाई है. 1875 में जब इसकी शुरुआत हुई थी, तब इसे कुछ साधारण यंत्रों के साथ शुरू किया गया था. अब, तकनीक के विकास के साथ, यह विभाग आज मौसम की सटीक भविष्यवाणी करने में दुनिया की सबसे बेहतरीन एजेंसियों में शामिल हो गया है.
प्राचीन समय से मौसम का ज्ञान
भारत में मौसम विज्ञान का इतिहास बहुत पुराना है. 3000 ईसा पूर्व के समय में उपनिषदों में मौसम, बादल और बारिश की प्रक्रिया के बारे में चर्चा की गई थी. 500 ईस्वी में वराहमिहिर ने अपनी किताब "बृहद्संहिता" में वायुमंडलीय प्रक्रियाओं पर जानकारी दी थी. इसके बाद, कौटिल्य के "अर्थशास्त्र" में बारिश मापने की वैज्ञानिक विधि का उल्लेख मिलता है.
घाघ की भविष्यवाणियां
17वीं शताब्दी में थर्मामीटर और बैरोमीटर जैसे यंत्रों के आविष्कार के बाद मौसम विज्ञान का विकास हुआ. उस समय घाघ जैसे मौसम विशेषज्ञों ने भी भविष्यवाणियां कीं, जो आज भी सही साबित होती हैं. उदाहरण के लिए, "अगर पुरवा हवा जमीन से धूल उड़ाए तो बारिश हो सकती है."
1875 में हुआ था मौसम विभाग की स्थापना
भारत में मौसम विभाग की शुरुआत 15 जनवरी 1875 को हुई. अंग्रेजों ने भारत में मौसम का पूर्वानुमान करने के लिए मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना की थी. शुरुआत में विभाग ने 77 रेन गॉज (वर्षा मापी यंत्र) का इस्तेमाल किया था, जिससे पहले बारिश का नक्शा तैयार किया गया था.
आज की स्थिति
आज आईएमडी तकनीक के जरिए मौसम की सटीक भविष्यवाणी करता है. 2023 तक, आईएमडी ने 39 डॉपलर वेदर रडार, 806 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन, 83 लाइटनिंग सेंसर और 63 पायलट बैलून स्टेशन का इस्तेमाल करना शुरू किया है. इसके अलावा, इनसैट 3डी/3डीआर सैटेलाइट से 15 मिनट का बादल अपडेट मिल जाता है.
अमेरिकी मौसम विभाग से बेहतर
2010 में भारत का मौसम विभाग चक्रवाती तूफानों का अनुमान केवल कुछ प्रतिशत तक ही सही कर पाता था, लेकिन अब आईएमडी का अनुमान अमेरिकी राष्ट्रीय हरिकेन सेंटर से 30 प्रतिशत अधिक सटीक है. अब मौसम का पूर्वानुमान 80 से 88 प्रतिशत तक सटीक होता है.
मौसम पूर्वानुमान में सुधार
आईएमडी का मौसम पूर्वानुमान पहले की तुलना में अब काफी सटीक हो गया है. अब यह 24 घंटे पहले से ही भारी बारिश, गरज-आंधी, लू या शीतलहर का सही पूर्वानुमान कर सकता है.
भारत का अहम स्थान
आज आईएमडी को दुनिया की तीन सबसे बेहतरीन मौसम एजेंसियों में गिना जाता है. इसके अलावा, आईएमडी न केवल भारत को, बल्कि 13 देशों को चक्रवाती तूफान का पूर्वानुमान और चेतावनी भी देता है. यह नेपाल, मालदीव, श्रीलंका, बांग्लादेश और मॉरीशस जैसे देशों को भी मौसम संबंधी सेवाएं प्रदान करता है.