छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में 18 माओवादी ढेर, 4 जवान घायल
छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर जिलों में शनिवार को माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच दो अलग-अलग मुठभेड़ हुईं. मुठभेड़ों में कम से कम 18 संदिग्ध माओवादी मारे गए, जबकि चार जवान घायल हो गए.

छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर जिलों में शनिवार को सुरक्षा बलों के साथ दो अलग-अलग मुठभेड़ों में कम से कम 18 संदिग्ध माओवादी मारे गए, जबकि चार जवान घायल हो गए. सुकमा में मुठभेड़ के दौरान 11 महिला कार्यकर्ताओं सहित कुल 17 माओवादी मारे गए. बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि इनमें से एक सदस्य सीपीआई (माओवादी) के विशेष क्षेत्रीय समिति का था.
चार सुरक्षा कर्मी घायल
आईजी ने कहा कि मुठभेड़ में चार सुरक्षा कर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से तीन डीआरजी सुकमा के और एक सीआरपीएफ के जवान हैं. उनकी हालत स्थिर है. शनिवार शाम को बीजापुर के नरसापुर जंगलों में सुरक्षाबलों ने एक माओवादी को मार गिराया. बीजापुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक हमने एक शव और हथियार बरामद किए हैं, लेकिन शव की पहचान नहीं हो पाई है.
सुकमा जिले में मुठभेड़ सुबह 8 बजे हुई, जब खुफिया रिपोर्ट के आधार पर माओवादियों की मौजूदगी का संकेत मिला था. आईजी ने बताया कि शुक्रवार को डीआरजी सुकमा और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम को नक्सल विरोधी अभियान पर भेजा गया था और मुठभेड़ शनिवार सुबह शुरू हो गई. गोलीबारी के बाद पुलिस ने घटनास्थल से 17 माओवादी शव बरामद किए.
सात माओवादियों की हुई पहचान
मारे गए माओवादियों में से सात की पहचान हो चुकी है, जबकि अन्य शवों की पहचान के प्रयास जारी हैं. इस मुठभेड़ में माओवादी नेता और दरभा डिवीजन के सचिव कुहदामी जगदीश उर्फ बुधरा भी मारा गया, जो सुकमा जिले में एक दर्जन से अधिक मामलों में वांछित था. पुलिस ने घटनास्थल से कई हथियार, जैसे एके-47, एसएलआर, इंसास राइफल, और विस्फोटक बरामद किए.
2025 में सुकमा जिले में अब तक कई मुठभेड़ों में लगभग 22 माओवादी मारे गए हैं. इस साल अब तक राज्य में 116 से अधिक माओवादी मारे गए हैं. पिछले साल 2024 में 219 माओवादी मारे गए थे, जबकि 2023 में 22 और 2022 में 30 माओवादी मारे गए थे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि मोदी सरकार माओवादियों के खिलाफ कठोर रवैया अपना रही है और 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सल-मुक्त बना दिया जाएगा.