15 दिन में 19 मौतें: अमर अब्दुल्ला के सीएम बनते ही आतंकियों ने मचाया तांडव
Jammu and Kashmir News: जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद सत्ता में एक बार फिर नेशनल कांफ्रेंस सरकार की वापसी हुई है. ऐसे में उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है. हालांकि, इसके बावजूद केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी हमले बढ़ गए हैं. पिछले 15 दिनों में अलग-अलग आतंकी हमलों में 19 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
Jammu and Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में एक दशक के बाद चुनी हुई सरकार का गठन हुआ है, और उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है. हालांकि, इसके बावजूद केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी हमले बढ़ गए हैं. पिछले 15 दिनों में अलग-अलग आतंकी हमलों में 19 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 24 अक्टूबर को कश्मीर के गुलमर्ग में एक और हमला हुआ, जिसमें दो आर्मी पोर्टर और दो जवान शहीद हो गए. यह हमला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल पर हुआ, जहां बड़ी संख्या में सैनिक तैनात रहते हैं. इस प्रकार के हमलों ने सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. आतंकियों का सेना तक पहुंचना और उन्हें निशाना बनाना चिंता का विषय है.
गांदरबल में आतंकी हमला
वहीं 20 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में एक सुरंग निर्माण स्थल पर आतंकियों ने हमला किया. इस हमले में 6 बाहरी मजदूरों और एक स्थानीय डॉक्टर की हत्या कर दी गई. आतंकियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिससे अधिकांश लोग मौके पर ही मारे गए. इससे पहले, 18 अक्टूबर को शोपियां में बिहार के एक मजदूर की हत्या कर दी गई थी. इन घटनाओं के बीच, एलजी मनोज सिन्हा ने सुरक्षा बलों को सख्ती से काम करने और पुलिस एवं सेना को मिलकर अभियान चलाने का निर्देश दिया है. लेकिन अब तक हालात में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है.
सेना और आतंकियों के बीच संघर्ष
बीती रात सेना और आतंकियों के बीच हुए संघर्ष ने चिंताओं को बढ़ा दिया है। बारामूला, पुंछ, शोपियां, गांदरबल और अन्य क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की चिंता में वृद्धि हुई है. फिलहाल, सुरक्षा बल सर्च ऑपरेशनों में जुटे हैं और कई जगहों पर कैंपिंग बढ़ा दी गई है. 9 अक्टूबर को एक लापता सैनिक का शव, जो गोलियों से छलनी था, बरामद हुआ था. रिपोर्ट्स के अनुसार, उसे अनंतनाग से आतंकियों ने अगवा किया था. मृतक जवान की पहचान हिलाल अहमद भट के रूप में हुई है.
मुख्यमंत्री की बैठक और राज्य का दर्जा
इस बीच, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. उन्होंने राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की. भाजपा के एक नेता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा तब तक नहीं मिल सकता जब तक सुरक्षा की स्थिति में सुधार नहीं होता.
उन्होंने उमर अब्दुल्ला सरकार के कार्यकाल में आतंकी घटनाओं में वृद्धि का भी उल्लेख किया. माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव और सरकार गठन से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन परेशान हैं, जिसके चलते वे हमले कर रहे हैं.