3 New Criminal Laws: केंद्र सरकार की ओर से तीनों नए आपराधिक कानूनों को 1 जुलाई 2024 से लागू करने की अधिसूचना आज जारी कर दी गई है. ये तीनों नए कानून आपराधिक कानून दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे. 24 फरवरी को एमएचए अधिसूचना में कहा गया है कि तीन आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1 जुलाई 2024 से लागू होंगे.
दरअसल, इन तीनों कानूनों का मुख्य उद्देश्य देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को बदलना है. ये कानून ब्रिटिश शासन के जमाने से चले आ रहे हैं जिसे अब बदलकर उनकी जगह नए कानून देश में लागू किए जाएंगे. भारत सरकार के नए कानून में राजद्रोह की धारा, 124(क) को पूरी तरह से समाप्त कर इसको देशद्रोह में बदल दिया जाएगा. इस कानून के आने से देश में राजद्रोह में सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधि, संप्रभुता या एकता को खतरे में डालने वाले अपराध, अलगाववादी गतिविधि जैसे अपराधों को शामिल किया गया है. इसके अलावा इस नए कानून के तहत अगर कोई मौखिक, लिखित या सांकेतिक रूप से देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो उसके लिए उम्र कैद की सजा का प्रावधान किया गया है. इतना ही नहीं उसपे जुर्माना भी लगाया जाएगा.
केंद्र सरकार द्वारा लाए नए कानून में में मॉब लिंचिंग पर भी सख्त सजा का प्रावधान किया गया है. मॉब लिंचिंग का मतलब ये है कि, जब 5 या इससे ज्यादा लोगों का एक समूह मिलकर जाति या समुदाय आदि के आधार पर हत्या करता है तो ग्रुप के सबी सदस्या को उम्र कैद की सजा दी जाएगी. इसके अलावा नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपियों को अब फांसी की सजा दी जाएगी. बता दें कि, गृह मंत्री अमित शाह ने मॉब लिंचिंग को एक घृणित अपराध बताया था.
नए कानून के तहत आतंकवादी गतिविधियों को भी सख्ती से निपटने का प्रावधान है. आतंकवादी कृत्य जो पहले गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम जैसे विशेष कानूनों का हिस्सा थे. इसे अब न्याय संहिता में शामिल किया गया है. वहीं पॉकेटमार, चोरी जैसे छोटे संगठित अपराधों पर भी नकेल कसने का प्रावधान भी इस नए कानूनों में शामिल किया गया है. बता दें कि, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 की जगह लेगा. सीआरपीसी गिरफ्तारी, अभियोजन और जमानत के लिए है. वहीं भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 (बीएसबी 2) भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह लेगा. First Updated : Saturday, 24 February 2024