भारत पहुंचा बर्ड फ्लू का कहर, नागपुर रेस्क्यू सेंटर में 3 बाघ और 1 तेंदुए की मौत
Bird Flu In India: महाराष्ट्र में नागपुर के पास गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में बर्ड फ्लू से तीन बाघों और एक युवा तेंदुए की मौत हो गई है. इन मौतों के बाद अधिकारियों ने दिसंबर 2024 के अंत तक पूरे महाराष्ट्र में रेड अलर्ट जारी कर दिया है. मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं के बाद दिसंबर में इन जानवरों को चंद्रपुर से गोरेवाड़ा स्थानांतरित कर दिया गया था.
Bird Flu In India: महाराष्ट्र के नागपुर के पास गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में बर्ड फ्लू H5N1 वायरस का प्रकोप देखने को मिला है, जिसके चलते तीन बाघ और एक युवा तेंदुए की मौत हो गई है. दिसंबर 2024 के अंत में हुई इन घटनाओं के बाद पूरे राज्य में सतर्कता बढ़ा दी गई है. अधिकारियों ने वायरस के फैलाव को रोकने के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है.
यह चिंताजनक स्थिति तब सामने आई जब चंद्रपुर से इन जानवरों को मानव-वन्यजीव संघर्ष के बाद गोरेवाड़ा स्थानांतरित किया गया था. विशेषज्ञ अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि वायरस का स्रोत क्या था और यह किस प्रकार से फैल रहा है.
दिसंबर में हुई मौतें
रेस्क्यू सेंटर में पहला मामला 20 दिसंबर को सामने आया जब एक बाघ की मौत हुई. इसके बाद 23 दिसंबर को दो और बाघों ने दम तोड़ दिया. मौतों के बाद नमूने परीक्षण के लिए भोपाल स्थित आईसीएआर-राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (निषाद) को भेजे गए.
H5N1 वायरस की पुष्टि
1 जनवरी 2025 को निषाद द्वारा जारी रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि इन जानवरों की मौत का कारण घातक H5N1 बर्ड फ्लू था. इस वायरस का प्रभाव न केवल पक्षियों बल्कि मांसाहारी जंगली जानवरों पर भी पड़ रहा है.
अन्य जानवर स्वस्थ
रेस्क्यू सेंटर में 26 तेंदुओं और 12 बाघों का भी परीक्षण किया गया, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई और उन्हें स्वस्थ पाया गया. हालांकि, इन जानवरों की लगातार निगरानी की जा रही है.
विशेषज्ञों की राय
जानवरों के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जंगली मांसाहारियों में बर्ड फ्लू का संक्रमण आमतौर पर संक्रमित शिकार या कच्चे मांस के सेवन से फैलता है. अधिकारियों को सतर्क रहने और वायरस के स्रोत का पता लगाने की सख्त जरूरत है.