ओडिशा यौन उत्पीड़न मामले में हैरान कर देंगी ये 5 बातें, आर्मी ऑफिसर की मंगेतर से हुई बदसलूकी में पुलिसवालों पर गिरी गाज
Odisha Sexual Assault case: भुवनेश्वर में एक रेस्टोरेंट चलाने वाली महिला ने गुरुवार को एम्स भुवनेश्वर से छुट्टी मिलने के तुरंत बाद इस घटना के बारे में बताया, जहां उसका जबड़े के डिस्लोकेशन सहित कई चोटों का इलाज किया जा रहा था. ओडिशा पुलिस ने भुवनेश्वर में सेना अधिकारी के साथ कथित मारपीट और उसकी मंगेतर के साथ “छेड़छाड़” के मामले में 5 कर्मियों को निलंबित कर दिया है.
Odisha Sexual Assault case: ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने शुक्रवार को पुलिस हिरासत में भारतीय सेना के एक अधिकारी की मंगेतर के कथित यौन उत्पीड़न की अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच और न्यायिक जांच की मांग की. ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने घटना की निंदा की और इसे "बहुत चौंकाने वाला" बताया.
SIT की डिमांड कर रहे हैं पूर्व सीएम
नवीन पटनायक ने कहा,"हाल ही में भुवनेश्वर के एक पुलिस स्टेशन में सेना के एक मेजर और उनकी मंगेतर के साथ जो हुआ, उसके बारे में सभी ने सुना है. उन दोनों के साथ हुई हिंसा और मेजर की मंगेतर पर कथित यौन हमले की यह बहुत ही चौंकाने वाली खबर है. हम इस मामले की पूरी न्यायिक जांच की मांग करते हैं और जल्द से जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए."
समझ से परे है पुलिस का ऐसा व्यव्हार
बीजद प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी इस "जघन्य" कृत्य की निंदा करती है और उम्मीद करती है कि भाजपा सरकार इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी.
नवीन पटनायक ने X पर लिखा,"भरतपुर पुलिस स्टेशन में सेना के एक मेजर और एक महिला के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, वह चौंकाने वाला और समझ से परे है. पुलिस ने कथित तौर पर उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया है, उसने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है. यह एक सेवारत सेना अधिकारी और #ओडिशा की एक महिला के साथ हुआ है.”
सस्पेंड हुए पांच ओडिशा पुलिसकर्मी
ओडिशा पुलिस ने बुधवार को भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस स्टेशन में एक सेना अधिकारी के साथ कथित मारपीट और उसकी मंगेतर के साथ “छेड़छाड़” के सिलसिले में पांच कर्मियों को निलंबित कर दिया था. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाईबी खुरानिया द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पांचों पुलिस कर्मियों को घोर कदाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.
पुलिस भवन के सामने चल रहा विरोध प्रदर्शन
सेना अधिकारी की मंगेतर के साथ कथित यौन उत्पीड़न में शामिल आरोपी पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर महिला कार्यकर्ताओं के एक समूह ने शुक्रवार को पुलिस भवन के सामने धरना दिया.
पटनायक ने दावा किया, "हमारी सरकार के दौरान हमारे पास #मोसरकार की व्यवस्था थी, जिसमें मुख्यमंत्री, मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी नागरिकों को पुलिस थानों और अस्पतालों सहित सरकारी कार्यालयों में उनके दौरे के बारे में फीडबैक लेने के लिए बुलाते थे, कि क्या उनके साथ सम्मान और पेशेवर व्यवहार किया जा रहा है. इस भाजपा सरकार ने मोसरकार की जनहितकारी पहल को तुरंत रोक दिया है और इसके परिणाम सामने हैं."
बीजेपी सरकार में बढ़ा अपराधियों का हौंसला
नवीन पटानयाक ने कहा कि यह घटना राज्य में भाजपा सरकार की "कमजोरी" को दर्शाती है. राज्यपाल रघुबर दास के बेटे द्वारा कथित तौर पर एक ओडिया अधिकारी पर "हमले" का जिक्र करते हुए, पटनायक ने कहा, "जिस दिन भाजपा सरकार ने राज्यपाल के बेटे के खिलाफ हमले के एक गंभीर मामले में कार्रवाई करने से इनकार कर दिया, उसी दिन से अन्य लोगों का हौसला बढ़ गया."
उन्होंने कहा, "मैं अभी भी राज्यपाल के बेटे के खिलाफ इस सरकार द्वारा कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं. मैं सेना के एक मेजर और महिला के खिलाफ इस गंभीर घटना की अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच और न्यायिक जांच की मांग करता हूं."
5 बातें जो यौन उत्पीड़न मामले में करती हैं चौंकाने वाला खुलासा
- भुवनेश्वर में एक रेस्टोरेंट चलाने वाली महिला ने गुरुवार को एम्स भुवनेश्वर से छुट्टी मिलने के तुरंत बाद इस घटना के बारे में बताया, जहां उसका जबड़े के डिस्लोकेशन सहित कई चोटों का इलाज चल रहा था.
- पुलिस द्वारा उन पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार की गई महिला को बुधवार को उड़ीसा उच्च न्यायालय के आदेश पर जमानत पर रिहा कर दिया गया. उच्च न्यायालय 26 सितंबर को उसके और सेना अधिकारी के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी (एफआईआर) को रद्द करने की उसकी याचिका पर विचार करेगा.
- बचाव के बाद, सेना अधिकारी ने बुधवार को भरतपुर पुलिस स्टेशन में कर्मियों के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई.
- भुवनेश्वर में एक रेस्टोरेंट चलाने वाली वकील महिला ने कहा कि रविवार को आधी रात को अपना रेस्टोरेंट बंद करने के तुरंत बाद, उसे और उसके मंगेतर को लोगों के एक समूह ने घेर लिया और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी.
मंगेतर की तरफ से दर्ज कराया गया बयान इस प्रकार है:
- महिला ने कहा,'किसी तरह, हम वहां से भागने में सफल रहे और मामला दर्ज कराने के लिए भरतपुर पुलिस स्टेशन गए. रिसेप्शन पर बैठी एक महिला पुलिस कांस्टेबल के अलावा वहां कोई नहीं था. हमने उनसे शिकायत दर्ज करने का अनुरोध किया क्योंकि वाहन में कई युवक थे और वे किसी भी समय हमारा पीछा कर सकते थे और इसलिए पुलिस गश्त हमारे लिए मददगार होगी. हालांकि, मेरी शिकायत दर्ज करने के बजाय, उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया.'
- मंगेतर ने आरोप लगाते हुए कहा, "मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, उन्होंने उसे लॉकअप में डाल दिया. जब मैंने आवाज उठाई कि वे एक सेना अधिकारी को हिरासत में नहीं रख सकते क्योंकि यह गैरकानूनी है, तो दो महिला अधिकारियों ने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी."
- पीड़िता ने आगे बताया कि जब उसने खुद को एक वकील के रूप में पहचाना, तो उसने आरोप लगाया कि महिला कांस्टेबल नाराज हो गई और उसके साथ दुर्व्यवहार किया. इस बीच, एक महिला पुलिसकर्मी सहित कई पुलिसकर्मियों के साथ एक पुलिस गश्ती वाहन पुलिस स्टेशन पहुंचा. फिर दो महिला अधिकारियों ने मेरे बाल खींचने शुरू कर दिए और मुझे पीटना शुरू कर दिया उन्होंने मेरी जैकेट उतार दी और उससे मेरे दोनों हाथ बांध दिए तथा मेरे दोनों पैर स्कार्फ से बांध दिए और मुझे एक कमरे में फेंक दिया.
- पीड़िता ने कहा, "बाद में एक पुरुष अधिकारी आया और मेरी ब्रा उतारने के बाद लगातार मेरी छाती पर लात मारता रहा. फिर थाने का इंस्पेक्टर आया, अपनी पैंट की जिप खोली, अपने गुप्तांग दिखाए और मुझे धमकाया कि क्या मैं उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहती हूं. उसने मेरे साथ छेड़छाड़ भी की.
NCW ने लिया मामले का स्वतः संज्ञान
इस घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने डीजीपी से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है. एनसीडब्ल्यू ने एक्स पर पोस्ट किया, "डीजीपी को एक औपचारिक पत्र भेजा गया है, जिसमें 3 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी गई है. तत्काल डिसिप्लिनरी एक्शन की उम्मीद है."
इस बीच, चंदका पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जिन्होंने कथित तौर पर सेना अधिकारी और महिला के साथ दुर्व्यवहार किया.