कश्मीर में 56 विदेशी आतंकी एक्टिव, TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी
पहलगाम आतंकी हमले में अब तक 28 पर्यटकों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हैं. हमले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इसकी जांच अपने हाथ में लेने की तैयारी कर रही है. घटना की पड़ताल बड़े स्तर पर शुरू की जा रही है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का हाथ होने की आशंका और भी मजबूत हो गई है. सुरक्षा एजेंसियों के रिकॉर्ड के अनुसार, इस समय जम्मू-कश्मीर में कुल 56 विदेशी आतंकी सक्रिय हैं. इनमें 35 आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं, 18 जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से, और 3 हिजबुल मुजाहिदीन (HM) से जुड़े हैं.
हिजबुल के तीनों आतंकी भी पाकिस्तान के नागरिक बताए गए हैं. इसके अलावा, 17 स्थानीय आतंकी भी सक्रिय हैं, लेकिन इनकी संख्या विदेशी आतंकियों से काफी कम है.
28 पर्यटकों की मौत, जांच की तैयारी
इस हमले में अब तक 28 पर्यटकों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस हमले की जांच अपने हाथ में लेने की तैयारी कर रही है.
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित संगठन TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने सोशल मीडिया पर ली है. लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि TRF सिर्फ एक नाम है और हमला लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की असली साजिश है.
पर्यटन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश
पूर्व डीजीपी एस.पी. वैद ने कहा कि स्थानीय आतंकी आम तौर पर पर्यटकों पर हमला नहीं करते, क्योंकि इससे कश्मीर के पर्यटन पर असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि यह हमला पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के हैंडलर्स की सोची-समझी साजिश है. इसका मकसद घाटी की छवि को खराब करना और पर्यटन उद्योग को खत्म करना है. उन्होंने यह भी कहा कि अब आतंकियों की रणनीति बदल गई है. अब वे सीधे आम पर्यटकों को निशाना बना रहे हैं, जो कि कश्मीर की आर्थिक व्यवस्था की रीढ़ हैं.
पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने की मांग
विशेषज्ञों और अधिकारियों ने मांग की है कि इस हमले के लिए पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर जिम्मेदार ठहराया जाए. साथ ही घाटी में छिपे विदेशी आतंकियों के खिलाफ और सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.


