Kisan Andolan: पंजाब के किसान दिल्ली मार्च को लेकर शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. कल यानी 18 फरवरी को किसानों ने देश भर में चक्काजाम का आह्वान किया है. किसान नेता जगजीत सिंह दलेवाल ने का कहना है कि कहा कि सरकार ने रविवार को बैठक बुलाई है. हम तब तक इंतजार करेंगे, जब तक हमारी मांगों को मान नहीं लिया जाता है. अगर रविवार को सकारात्मक नतीजा नहीं निकला तो हम धरना जारी रखेंगे. साथ ही कुछ किसान नेताओं ने अपने खिलाफ हुई हिंसक कार्रवाई या बल प्रयोग को गलत बताया है.
अंबाला के शंभू बॉर्डर पर 13 फरवरी से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. यहां पर किसानों को बैरिकेटिंग और सड़कों पर कीलें लगाकर रोक दिया गया है. इसके बाद से पुलिस और किसानों के बीच टकराव जारी है. 17 फरवरी को आंदोलन का पांचवां दिन कैसा रहा इसके बारे में हम आपको तस्वीरों के जरिए बता रहे हैं. किसानों कें आंदोलन के कारण आम जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है.
लोगों की रोजमर्रा से जुड़ी जरूरत की चीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लेकर जाने में परेशानी हो रही है. बॉर्डर बंद होने से सब्ज़ियां पहुंचाने वाली गाडियों में कमी आ गई है. इसके चलते सब्जियों और फलों के रेट भी बढ़ गए हैं. गाजर बाजार में 6-7 रुपये किलो बिक रही थो जो आज 10 रुपये में बिक रही है. बताया जा रहा है कि अगर बॉर्डर नहीं खुले तो सब्ज़ियों के दामों में और उछाल आएगा.
आंदोलनकारी किसानों ने पांचवें दिन एक बार फिर केंद्र सरकार से अपनी मांगों को लेकर अपील की. केंद्र सरकार से MSP पर कानून के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है. किसानों ने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं हम धरने पर बैठे रहेंगे.
पांचवें दिन किसानों का आंदोलन उग्र होता दिखा. पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर निहंग सिख ने तलवार लहराते नजर आए. कहा जाता है कि यहां पर किसान लाठी-डंडे और तलवार लेकर जुटे थे, जिन्होंने नारेबाजी करते हुए वहां मौजूद पुलिस पर पथराव कर दिया. इसके बाद पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े. इस पर प्रदर्शनकारियों ने उन स्थानों पर कीटनाशक दवाई का छिड़काव किया, जहां पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे. इससे आंसू गैस के गोले का प्रभाव कम हो जाता है.
निहंग सिख ने लहराई तलवार
प्रदर्शन के दौरान एक निहंग सिख काले कपड़े पहनकर सीमेंट के एक बैरिकेड पर चढ़ा और ताल ठोककर पुलिसवालों को ललकारने लगा. इसके बाद उसके उसने तलवार निकाल कर हवा में लहराई. वहीं पंजाब-हरियाणा बॉर्डर से आई हिंसा की तस्वीरों को सरवन सिंह पंढेर ने किसान आंदोलन से अलग विरोधियों की साजिश बताया. सरवन सिंह ने किसान आंदोलन पर पूरे नियंत्रण का दावा भी किया.
आंदोलन कर रहे पंजाब के किसानों को यूपी, हरियाणा और उत्तराखंड के किसानों का भी साथ मिल सकता है. आज शनिवार को यूपी के मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत हुई है. इसमें पंजाब के किसानों को समर्थन देने की बात पर सहमति बनी है. इसके लिए 21 फरवरी को उत्तरप्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड के सभी जिला मुख्यालयों पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे.
महापंचायत में प्रस्ताव रखा गया कि अगर 40 किसान संगठन वाला संयुक्त किसान मोर्चा इजाजत देगा तो 26 और 27 फरवरी के दिन हरिद्वार से गाजीपुर बॉर्डर तक नेशनल हाइवे पर सभी किसान अपने ट्रैक्टर खड़े करेंगे जिनका मुंह दिल्ली की तरफ होगा. ये ट्रैक्टर दिल्ली नहीं जाएंगे लेकिन सरकार को बताने के लिए इन्हें दिल्ली की तरफ मुंह करके खड़ा किया जाएगा. First Updated : Saturday, 17 February 2024