Guinness World Book: लुधियाना की 6 साल की बच्ची अनायशा बुद्धिराजा ने संस्कृत के श्लोकों से संबंधित दो द्विभाषी पुस्तकें लिखकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है. जिस उम्र में बच्चे खेलते कूदते हैं उस उम्र में लुधियाना की इस बच्ची ने न सिर्फ अपने मां-बाप बल्कि भारत का भी नाम रोशन किया है. संस्कृत के श्लोक सीखने का अनायशा का जुनून आठ महीने की उम्र से शुरू हुआ, जो उसकी दादी से प्रेरित था.
कौन हैं गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने वाली अनायशा
अनायशा पंजाब की लुधियाना की रहने वाली है. वह पहली कक्षा में पढ़ती है. अनायशा, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ संचित बुद्धिराजा और त्वचा विशेषज्ञ डॉ रविका कनिष्क बुद्धिराजा की बेटी हैं. उसकी एक तीन साल की बहन भी है. संस्कृत के श्लोक सीखने का अनायशा का जुनून आठ महीने की उम्र से शुरू हुआ, जो उसकी दादी से प्रेरित था. अनायशा को उसकी दादी ने श्री हनुमान चालीसा से परिचित कराया था. अनायशा के पिता बताते हैं कि उनकी पत्नी डॉ. रविका त्वचा रोगों पर एक पुस्तक लिखने की प्रक्रिया में थीं. इसी दौरान उन्होंने अपनी बेटी में संस्कृत श्लोकों में बढ़ती रुचि को देखी और उसे ये पुस्तकें लिखने के लिए प्रोत्साहित किया.
अनायशा के पिता डॉ. बुद्धिराजा ने कहा, "जब वह बहुत छोटी थी, तो हमने देखा कि वह बहुत अच्छी तरह सीख रही है. हमने उसे श्लोक सिखाना शुरू किया. वह सिर्फ़ पाँच साल की थी, जब उसने 100 श्लोक सीखे थे. उसने जितने भी श्लोक सीखे, उन्हें एक किताब में लिख दिया. इसमें बहुत सारे चित्र और रेखाचित्र हैं. अनायशा को पहले बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में मान्यता मिल चुकी थी और वह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल करने की ख्वाहिश रखती थी जिसे उसने समर्पण और ज़रूरी दिशा-निर्देशों के पालन से हासिल किया.