60 करोड़ भारतीय लोगों को करना पड़ा जल संकट का सामना, पानी की कमी से अलगे 7 सालों में GDP को होगा बड़ा नुकसान
जलवायु परिवर्तन को दौर में मानसून और उस पर निर्भर जल संसाधनों पर बुरा असर पड़ रहा है. जिसके चलते हैदराबाद में 30 झीलों का पानी सूख चुका है. जानकारी के मुताबिक अगस्त 2022 में 185 झीलों में से 30 के सूखने की सूचना मिली थी.
हाइलाइट
- भारत के कई इलाकों की नदियां सूखने के चलते लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है.
भारत के कई इलाकों की नदियां सूखने के चलते लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में लोग पानी की तलाश में इधर-उधर भटकते हुए दिखाई दे रहे हैं. भारत में दुनिया की आबादी का 18 प्रतिशत हिस्सा है जबकि देश के पास सिर्फ 4 प्रतिशत जल संसाधन हैं. ये भारत को दुनिया में सबसे ज्यादा पानी की कमी वाले देशों में से एक बनाता है. यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में गर्मियों के आते ही पानी भारत में सोने की तरह कीमती चीज बन चुका है.
मंडरा रहा है लोगों पर जल संकट
बड़ी संख्या में भारतीय जल संकट का सामना कर रहे हैं. अपनी पानी की जरूरतों के लिए भारत की अनियमित मानसून पर निर्भरता इस चुनौती को और बढ़ा रही है. इससे करोड़ों लोगों का जीवन संकट में पड़ रहा है.
60 करोड़ भारतीयों पर गंभीर जल सकंट का खतरा मंडरा रहा है पानी की कमी उस तक पहुंचने में आने वाली मुश्किलों की वजह से हर साल लगभग 2 लाख लोगों की मौत हो जाती है.
पानी न केवल घरों के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है बल्कि यह खेती और उद्योग के लिए भी है. तमाम जल तालाब झील घरेलू, कृषि के उद्देश्यों के लिए बहुत जरूरी है. ये जल भंडारण और पानी तक पहुंच उपलब्ध कराने में मदद करते हैं.
बारिश ने की गंभीर स्थिति पैदा
बांधों से बनी झीलें बिजली पैदा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. इसके साथ ही डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के निदेशक सुरेश बाबू का कहना है कि पिछले कुछ सालों में मानसून की धीमी शुरुआत देखी गई है. इस साल कमजोर मानसून की आंशका थी. लेकिन अचानक बारिश शुरू हो गई जिसने देश मे बहुत ही गंभीर स्थिति पैदा कर दी.