नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में अपराध की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बीते एक हफ्ते में 10 हत्याएं सामने आ चुकी हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है. यह स्थिति तब है, जब दिल्ली विधानसभा चुनावों में केवल तीन महीने बाकी हैं. इस मुद्दे ने विपक्षी दलों को सरकार पर हमला करने का अवसर दिया है. हैरानी की बात यह है कि कांग्रेस ने बीजेपी के बजाय आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लिया है.
पुलिस और केंद्र सरकार पर सवाल
आप पार्टी ने दिल्ली में बढ़ते अपराध को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. चूंकि दिल्ली पुलिस सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आती है, इसलिए कानून-व्यवस्था बनाए रखना केंद्र की जिम्मेदारी है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली में अपराध की घटनाएं भाजपा के प्रशासन की नाकामी को दर्शाती हैं.
हाल की घटनाएं: दिल्ली में हत्याओं का सिलसिला
30 नवंबर: पुलिसकर्मी की हत्या
30 नवंबर को दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल आजाद अख्तर की चाकू मारकर हत्या कर दी गई. यह घटना तब हुई, जब उन्होंने अपराधियों को रोकने का प्रयास किया.
1 दिसंबर: तीन हत्याएं
1 दिसंबर को एक ही दिन में तीन अलग-अलग इलाकों में हत्याएं हुईं. प्रशांत विहार में एक डिलीवरी एजेंट को चाकू मारकर हत्या कर दी गई, जबकि गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के नीचे और नारायणा के एक पार्क में दो अन्य लोगों को चाकू से हमला कर मारा गया.
2 दिसंबर: 19 वर्षीय युवक की गोली मारकर हत्या
मंगोलपुरी इलाके में एक मामूली झगड़े के बाद 19 वर्षीय युवक को गोली मार दी गई.
4 दिसंबर: तिहरा हत्याकांड
नेब सराय में तिहरे हत्याकांड की घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया.
6 और 7 दिसंबर: पारिवारिक विवाद और दो अन्य हत्याएं
6 दिसंबर को एक व्यक्ति ने अपनी मां की हत्या कर दी। वहीं, 7 दिसंबर को गोविंदपुरी और शाहदरा में दो अन्य हत्याएं हुईं.
'दिल्ली में जंगल राज': विपक्ष का हमला
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्थिति के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में व्यापारियों को जबरन वसूली की धमकियां दी जा रही हैं, और पुलिस असहाय नजर आ रही है.
बीजेपी कानून-व्यवस्था को संभालने में असफल-आप
आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि भाजपा दिल्ली में कानून-व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह विफल रही है. अपराध बढ़ रहे हैं, लेकिन भाजपा इन समस्याओं को स्वीकार ही नहीं कर रही। जब तक वे इन समस्याओं को मानेंगे नहीं, समाधान कैसे निकालेंगे?" First Updated : Sunday, 08 December 2024