75th Republic Day 2024: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी गुरुवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए देशवाशियों को शुभकामनाएं दी है. इस बीच उन्होंने कहा कि कल के दिन हम संविधान के प्रारंभ का उत्सव मनाएंगे. संविधान की प्रस्तावना हम लोग से शुरू होती है. ये शब्द हमारे संविधान के मूल भाव को रेखांकित करते हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संबोधन में कहा, "देश अमृत काल के प्रारंभिक वर्षों में है. यह परिवर्तन का समय है. हमें देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का सुनहरा अवसर दिया गया है. हर किसी का योगदान हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नागरिक महत्वपूर्ण होंगे."
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि, "कल वह दिन है जब हम संविधान के प्रारंभ होने का जश्न मनाएंगे. इसकी प्रस्तावना "हम, भारत के लोग" शब्दों से शुरू होती है. दस्तावेज़ के विषय अर्थात् लोकतंत्र पर प्रकाश डाला गया. भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था पश्चिमी लोकतंत्र की अवधारणा से कहीं अधिक पुरानी है. यही कारण है कि भारत को "लोकतंत्र की जननी" कहा जाता है.
अयोध्या राम मंदिर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संबोधन में कहा कि, "इस सप्ताह की शुरुआत में, हमने अयोध्या में निर्मित गौरवशाली नए मंदिर में भगवान श्री राम की मूर्ति की ऐतिहासिक 'प्राण प्रतिष्ठा' देखी. जब यह इस घटना को व्यापक दृष्टिकोण से देखा जाता है, भविष्य के इतिहासकार इसे भारत की अपनी सभ्यतागत विरासत की निरंतर पुनः खोज में एक मील का पत्थर मानेंगे.
आगे उन्होंने कहा कि, मंदिर का निर्माण उचित न्यायिक प्रक्रिया और देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद शुरू हुआ. अब यह यह एक भव्य इमारत के रूप में खड़ा है, जो न केवल लोगों के विश्वास की उचित अभिव्यक्ति देता है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में लोगों के भारी विश्वास का प्रमाण भी है." First Updated : Thursday, 25 January 2024