77 की हुईं सोनिया गांधी : लंदन में ऐसे शुरू हुई थी राजीव और सोनिया की लव स्टोरी, यहां पढ़ें पूरी कहानी
77th Birth day of Sonia Gandhi : इटली में पैदा हुईं सोनिया गांधी हायर एजुकेशन के लिए इंग्लैंड के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ने गईं. यहां उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे थे. मुलाकातों का सिलसिला कुछ दिनों बाद प्यार में बदल गया.
Sonia Gandhi: सोनिया गांधी 09 दिसंबर को 77 साल की हो गईं. उनका जन्म इटली के विसेंजा शहर से 35 किलोमीटर दूर ओवासान्यो नाम के एक गांव में हुआ था. इस गांव में स्टेफानो मेनो नाम के राजमिस्त्री रहते थे जिनके घर 9 दिसंबर 1946 को एक बेटी का जन्म हुआ. इसका नाम एंटोनिया एडविग आल्बिना माइनो रखा गया, जो आज सोनिया गांधी के नाम से जानी जाती हैं. सोनिया गांधी पिछले करीब 3 दशक से कांग्रेस की अध्यक्ष या शीर्ष नेता के पद पर हैं. कांग्रेस पार्टी को सोनिया गांधी ही चलाती हैं.
इटली में पैदा हुईं सोनिया गांधी हायर एजुकेशन के लिए इंग्लैंड के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ने गईं. यहां उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे थे. मुलाकातों का सिलसिला कुछ दिनों बाद प्यार में बदल गया. शादी के लिए सोनिया गांधी का परिवार राजी नहीं था, लेकिन उतार-चढ़ाव के बाद आखिर दोनों की शादी हो गई और सोनिया गांधी इंदिरा गांधी की बहू बन गईं. सोमिाया गांधी भारत आईं तो उन्होंने कई तरह के उतार-चढ़ाव देखे. राजीव और सोनिया गांधी की लव स्टोरी बड़ी खूबसूरत रही. आइए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं.
1965 को कैंब्रिज में पढ़ाई के लिए पहुंचीं
सोनिया 07 जनवरी 1965 को कैंब्रिज में पढ़ाई के लिए पहुंचीं. उन्होंने यहां के दो मुख्य लैंग्वेज स्कूल में खुद को एनरोल किया. उस समय कैंब्रिज में व्यवस्था थी कि अगर आप विदेशी हैं तो यूनिवर्सिटी आपके ठहरने की व्यवस्था किसी फैमिली के घर पर करती थी. सोनिया को भी एक घर अलॉट हुआ. लेकिन यहां का खाना उन्हें पसंद नहीं आया. शुरुआत में सोनिया को अंग्रेजी बोलने में दिक्कत थी. खैर उन्हें इसी कैंपस में एक ग्रीक रेस्तरां मिला, जहां इतालवी खाना भी मिलता था. उसका नाम था वर्सिटी. ये यूनिवर्सिटी के युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय था. सोनिया ने नियमित रूप से यहीं खाना शुरू कर दिया. अब राजीव गांधी भी अक्सर दोस्तों के साथ यहां आया करते थे.
रेस्टोरेंट में पहली बार मिले थे राजीव- सोनिया
राजीव और सोनिया ने पहली बार वर्सिटी रेस्टोरेंट में एक-दूसरे को देखा था. सोनिया को राजीव बेहद विनम्र और दूसरों से अलग लगे. एक दिन जब सोनिया वहां लंच कर रही थीं, तब राजीव उनके कॉमन मित्र क्रिस्टियन वॉन स्टीगलिज के साथ दाखिल हुए. तभी दोनों का आपस में परिचय हुआ.
सोनिया गांधी ने बॉयोग्राफी “सोनिया गांधी-एन एक्स्ट्राआर्डिनरी लाइफ, एन इंडियन डेस्टिनी” की लेखिका रानी सिंह से कहा, “उन्हें पहली ही नजर में राजीव से प्यार हो गया. ऐसा ही राजीव के लिए भी था, क्योंकि राजीव ने ये बात उनसे बताई भी. उन्होंने क्रिस्टियन से पहले ही सोनिया से परिचय कराने को कहा था.”
मां को लिखे पत्र में सोनिया का किया जिक्र
राजीव और सोनिया गांधी दोनों दोस्ती के बाद एक-दूसरे के करीब आने लगे. नेहरू-गांधी परिवार में लंबे पत्र लिखने की परंपरा रही है. उसी का अनुकरण राजीव भी करते थे. राजीव अपनी मां इंदिरा गांधी को पत्र लिखकर कैंपस, पढ़ाई, लाइफ, आदि की बाते बताया करते थे. जल्दी ही उनके पत्रों में लिखी जा रही बातों में सोनिया भी शामिल हो गईं. वो मां से उनका जिक्र करने लगे.
तब राजीव के पास लाल रंग की पुरानी कार थी
लंदन में राजीव के पास लाल रंग की पुरानी वॉक्सवैगन कार थी. उससे वो सोनिया के पास आया करते थे, जहां वो रहती थीं. अक्सर वो और सोनिया अन्य मित्रमंडली के साथ छुट्टी के दिन कार से सैर करने जाते थे. कभी-कभी राजीव सोनिया के साथ कार रेसिंग देखने सिल्वरस्टोन जाते थे. आज भी सिल्वरस्टोन कार रेसिंग का विश्व प्रसिद्ध ट्रैक है.
राजीव पैसे कमाने के लिए बेकरी में काम करते थे
कैंब्रिज में पढ़ने वाले सभी छात्रों को घर से कम पैसा आने के कारण आर्थिक तंगी रहती थी. इसके चलते उन्हें खाली समय में छिटपुट काम करना पड़ता था. राजीव एक कॉपरेटिव बेकरी में काम करते थे. वो ब्रेड सेक्शन में थे. किताब में जिक्र है कि सोनिया के पास पर्याप्त पैसा होता था. जब महीने के आखिर तक उनके दोस्तों की जेब खाली हो जाती थी, तब भी उनके पास पैसा रहता था. किताब में राजीव के कैंब्रिज के जमाने के दोस्त ताहिर जहांगीर ने कहा, “सोनिया हमेशा वेल ड्रेस्ड रहती थीं और हमेशा खुशमिजाजी से मिलती थीं.”
इंदिरा गांधी पहली बार लंदन में सोनिया से मिलीं
राजीव ने अपनी मां इंदिरा को लिखी चिट्ठी में पहली बार सोनिया के प्रति भावनाओं का इजहार किया तो इंदिरा ने सोनिया से मिलने का मन बनाया. तब इंदिरा गांधी तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री थीं. इंदिरा से मुलाकात को लेकर सोनिया नर्वस थीं. सोनिया-इंदिरा के बीच पहली मुलाकात हुई. तुरंत बाद दूसरी मुलाकात लंदन में केनिंगटन पैलेस गार्डन स्थित भारतीय हाईकमिश्नर के घर पर हुई.
इंदिरा गांधी ने सोनिया से फ्रेंच में बात की
इंदिरा गांधी ने मुलाकात में सोनिया को काफी रिलैक्स करने की कोशिश की. उन्होंने सोनिया से फ्रेंच भाषा में बात की, क्योंकि इंदिरा को पता था कि सोनिया इंग्लिश की तुलना फ्रेंच में ज्यादा सहज हैं. इंदिरा ने उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा. इंदिरा ने कोशिश की कि सोनिया के साथ रिश्ते में उन्हें सहजता का अहसास करा सकें. वहीं दूसरी ओर सोनिया के घरवालों के साथ इस रिश्ते को लेकर दिक्कतें तो थीं.
सोनिया के घरवाले इस रिश्ते के पक्ष में नहीं थे
सोनिया ने राजीव के साथ प्यार की बात और रिश्ते में आगे बढ़ने की बात अपने घरवालों को अबी तक नहीं बताई थी. इस बात को लेकर राजीव ने इंदिरा को पत्र में लिखा, ” वो समझ नहीं पा रहे कि सोनिया अब तक ऐसा क्यों नहीं कर रही थीं.” लेकिन सोनिया असल जिंदगी में राजीव गांधी के साथ आगे बढ़ने का मन बना चुकी थीं. जब वह इटली के ओरबासानो में अपने घर गईं तो तय करके गईं कि अबकी बार घर वालों से बात करेंगी..लेकिन घरवाले खुश नहीं थे, वह बुझे दिल से वापस कैंब्रिज लौटीं. हालांकि ये सब जानने के बाद घरवाले नहीं चाहते थे कि वो वापस कैंब्रिज जाएं.
सोनिया इटली लौट गईं
जुलाई 1966 में सोनिया इटली लौट गईं. तब राजीव ने सोनिया के पिता स्टेफनो से मिलने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने एक भवन निर्माण साइट पर काम करके पर्याप्त पैसे कमाए. सोनिया और राजीव दोनों रोज एक दूसरे को खत लिखते थे. राजीव अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़कर पायलट का लाइसेंस लेने की ट्रेनिंग लेने लगे थे.
सोनिया के पिता ने रखी अजीब शर्त
नवंबर 1966 में राजीव इटली गए और उन्होंने सोनिया के पेरेंट्स से मुलाकात की ताकि रिश्ते के प्रति आश्वस्त कर सकें. राजीव वहां सोनिया के पेरेंट्स को पसंद आए. उन्हें महसूस हुआ कि राजीव नेक शख्स हैं. उनकी मंशा अच्छी है. इसके बाद भी स्टेफनो शादी के लिए हां नहीं कर पा रहे थे, उनको लग रहा था कि उनकी बेटी विदेश में कैसे रहेगी. अगर वो शादी के लिए हां कह देते हैं तो शायद एक अच्छे पिता का कर्तव्य पूरा नहीं करेंगे.
सोनिया ने किताब की लेखिका से कहा, “पिता ने उन्हें इस रिश्ते में आगे नहीं बढ़ने के लिए बहुत ज्यादा मनाने की कोशिश की. जब उनको लगा कि सोनिया टस से मस नहीं होने वाली, तब उन्होंने एक शर्त रखी कि दोनों शादी के लिए कम से कम एक साल अलग रहें. इसके बाद भी अगर दोनों में प्यार बना रहेगा तब शादी करवा देंगे. इसके बाद सोनिया ने एक साल तक इंतजार किया, लेकिन दोनों के बीच एक-दूसरे के लिए प्यार कम नहीं हुआ.
एक साल बाद सोनिया दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरीं
सोनिया ने 12 महीने इंतजार किया. स्टेफनो को लगता था कि बेटी सालभर जब उनके पास इटली में रहेगी तो राजीव को भूल जाएगी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. 13 जनवरी 1968 को सोनिया दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरीं. उन्हें लेने के लिए राजीव अपने भाई संजय के साथ आए थे. सोनिया को अमिताभ बच्चन के परिवार के साथ ठहराया गया. फिर वहीं 25 फरवरी 1968 के दिन उनकी शादी हुई. इस तरह से सोनिया गांधी और राजीव गांधी की लव स्टोरी सफल मुकाम पर पहुंच गई.