झारखंड के धनबाद में एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अभिभावकों के संगठन द्वारा अनशन किया गया. यह मामला उस घटना से जुड़ा है, जब पिछले हफ्ते प्रिंसिपल ने कक्षा 10 की छात्राओं को शर्ट उतारने के लिए कहा था.
संगठन 'झारखंड अभिवावक महासंघ' (JAM) ने आरोप लगाया कि कक्षा 10 की छात्राओं को शर्ट उतारने के लिए कहा गया, जबकि छात्राएं अपनी परीक्षा के बाद 'पेन डे' के अवसर पर एक-दूसरे की शर्ट पर संदेश लिख रही थी. जब छात्राओं ने प्रिंसिपल से माफी मांगी, तब भी उन्हें शर्ट उतारने का आदेश दिया गया और उन्हें सिर्फ ब्लेज़र में घर भेज दिया गया.
अभिभावक संगठन का आरोप और जांच अभिभावकों ने धनबाद के उपकृत कमिश्नर माधवी मिश्रा के पास शिकायत दर्ज कराई है. संगठन ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने प्रिंसिपल को 'क्लीन चिट' दे दी और कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. हालांकि, जिला प्रशासन ने इस दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
हंगर स्ट्राइक का आयोजन 11 सदस्यीय JAM के कार्यालयधिकारियों ने शहर के रंधीर वर्मा चौक पर सुबह 10 बजे से 4 बजे तक अनशन किया. साथ ही, प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. JAM के सचिव मनोज मिश्रा ने कहा कि उपकृत कमिश्नर ने मामले की जांच के लिए एसडीओ और एसडीपीओ की एक टीम बनाई थी, लेकिन उन्होंने प्रिंसिपल को क्लीन चिट दे दी और स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के बीच समझौता करने की सिफारिश की.
अधिकारियों की चुप्पी और आगे की कार्रवाई मनोज मिश्रा ने कहा कि अब संगठन जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (DLSA) और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) पर निर्भर कर रहा है, जिनके प्रतिनिधि जांच टीम का हिस्सा थे. DLSA के सचिव राकेश रोशन ने कहा कि उनकी रिपोर्ट झारखंड राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को भेजी जाएगी. वहीं, CWC के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने पुष्टि की कि उनकी रिपोर्ट राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) को नई दिल्ली भेजी जा चुकी है. First Updated : Wednesday, 15 January 2025