Same Sex Marriage पर आज आ सकता है बड़ा फैसला, आखिर क्यों बोली सरकार यह भारतीय समाज के खिलाफ?
Same Sex Marriage: सेम सेक्स मैरिज पर लंबी सुनवाई के बाद मंगलवार 17 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 30 मिनट के करीब सुप्रीम कोर्ट अपना बड़ा फैसला सुना सकता है
हाइलाइट
- समलैंगिक विवाह का वैधीकरण; याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट कल लेगा फैसला
Same Sex Marriage: सेम सेक्स मैरिज पर लंबी सुनवाई के बाद मंगलवार 17 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 30 मिनट के करीब सुप्रीम कोर्ट अपना बड़ा फैसला सुना सकता है. सेम मैरिज का समर्थन कर रहे याचिकर्ताओं ने इसे स्पेशल मैरिज कानून के तहत रजिस्टर्ड करने की मांग की है. वहीं केंद्र सरकार ने इस भारतीय समाज के खिलाफ बताया है.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वालों में Gay कपल सुप्रियो चक्रबर्ती और अभय डांग, पार्थ फिरोज मेहरोत्रा और उदय राज आनंद के अलावा कई लोग शामिल है.
20 से अधिक याचिकाओं में से अधिकतर में समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता देने की मांग की गई है. याचिकाओं कहा गया कि स्पेशल मैरिज एक्ट में अंतर धार्मिक और अंतर जातीय विवाद को संरक्षण मिला हुआ. लेकिन समलैंगिक जोड़ो के साथ भेदभाव किया गया है.
केंद्र सरकार ने मांग के खिलाफ
सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि भारतीय समाज और उसकी मान्यताएं समलैंगिक विवाद को सहीं नहीं मानते. कोर्ट को समाज के एक बड़े हिस्से की आवाज को भी सुनना चाहिए. आगे उन्होंने कहा कि कानून बनाना या उसमें बदलाव करने संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है.
कोर्ट में बैठे कुछ लोगों को समाज पर स्थायी बदलाव लाने वाला इतना बड़ा फैसला नहीं लेना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट अपनी ओर से शादी की नई संस्था को मान्यता नहीं दे सकता. सरकार ने यह कहा शादी को मान्यता मिलने के बाद समलैंगिक जोड़े बच्चा गोद लेने की भी मांग करेंगे, जिस बच्चे का ऐसे जोड़े के यहां पालन पोषन होगा. उसकी मनोस्थिति पर भी विचार किया जाना चाहिए.