Budget 2024 : जब सरकार की घोषणा ने कुंवारों पर बढ़ा दिया था टैक्‍स का बोझ, यहां पढ़ें बजट के इतिहास का दिलचस्‍प किस्‍सा

Budget 2024 : बात 1955-56 के आम बजट की है. उस समय देश के वित्त मंत्री चिंतामन द्वारकानाथ देशमुख सी डी देशमुख (C. D. Deshmukh)थे. तत्‍कालीन वित्त मंत्री ने उस समय के बजट में ऐसी अनोखी घोषणा कर दी, जिससे लोग हैरान रह गए.

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Budget 2024: केंद्र सरकार का बजट 1 फरवरी को सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा. इसे लेकर वित्त मंत्रालय की ओर से तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. देश में बजट की शुरुआत ब्रिटिश काल में हुई थी, जो आज भी जारी है. इस साल के बजट से अलग-अलग इनकम स्लैब और पेशे के लोगों को सरकार से राहत की उम्मीद है. आजादी के बाद से अब तक बजट में कई तरह के प्रयोग हुए हैं, पहले आम बजट और रेल बजट अलग-अलग था, लेकिन अब यह एक साथ पेश किया जाता है. इनकम टैक्‍स स्लैब को लेकर भी बदलाव होते रहते हैं,लेकिन आज हम आपको बजट की ऐसी अनोखी घोषणा के बारे में बताएंगे जिसके कारण कुंवारों का बजट बिगड़ गया था और उन पर आर्थिक बोझ काफी बढ़ गया था. आज हम आपकी बजट और कुवारों से जुड़ी रोचक कहानी के बारे में बता रहे हैं. 

1955-56 के आम बजट ने सबको चौंका दिया था

बात 1955-56 के आम बजट की है. उस समय देश के वित्त मंत्री चिंतामन द्वारकानाथ देशमुख सी डी देशमुख (C. D. Deshmukh)थे. तत्‍कालीन वित्त मंत्री ने उस समय के बजट में ऐसी अनोखी घोषणा कर दी, जिससे लोग हैरान रह गए. उस बजट में वित्त मंत्री ने शादीशुदा और अविवाहितों के लिए अलग-अलग टैक्‍स स्‍लैब घोषित किया गया था. इस घोषणा के बाद कुंवारे लोगों पर टैक्‍स का बोझ काफी बढ़ गया था. उस समय शादीशुदा लोगों के लिए 1,500 रुपए का मौजूदा टैक्‍स एक्‍जेम्‍प्‍ट स्‍लैब बढ़ाकर 2,000 रुपए कर दिया गया और अविवाहितों के लिए इसे घटाकर 1,000 रुपए किया गया था. 

योजना आयोग की सिफारिश पर फैसला

शादीशुदा लोगों और कुंवारों के लिए बजट में अलग-अलग स्‍लैब का फैसला योजना आयोग की सिफारिश के आधार पर लिया गया था. यह पहला मौका था जब किसी बजट में इनकम टैक्‍स के मामले में इस तरह की घोषणा हुई थी. साथ ही इस बजट में इनकम टैक्‍स पर अधिकतम दरों को 5 आना से घटाकर 4 आना कर दिया गया था. यही वो मौका था जब बजट स्‍कीम का पहली बार हिंदी वर्जन आया था. इसके बाद से ही एनुअल फाइनेंशियल स्‍टेटमेंट का हिंदी वर्जन और एक्‍सप्‍लेनेटरी मेमोरेंडम सर्कुलेट किया जाता है.  

क्या था उस समय का टैक्‍स स्‍लैब

साल 1955-56 में आए बजट के टैक्‍स स्‍लैब की बात करें तो शादीशुदा लोगों पर 0 से 2,000 रुपए की कमाई पर कोई टैक्‍स नहीं था.  2,001 रुपए से 5,000 रुपए की कमाई पर 9 पाई और 5,001 रुपए से 7,500 रुपए तक की आमदनी पर 1आना और 9 पाई टैक्‍स के रूप में चुकानी पड़ती थी. वहीं कुंवारे लोगों के लिए 0 से 1,000 रुपए की कमाई पर कोई टैक्‍स नहीं था. 1001 रुपए से 5,000 रुपए की कमाई पर रुपए में 9 पाई और 5,001 रुपए से 7,500 रुपए तक की आमदनी पर रुपए में 1 आना और 9 पाई टैक्‍स के रूप में देने पड़ते थे. 

क्या है बजट का इतिहास

भारत में बजट पेश करने की शुरुआत ब्रिटिश काल में हुई थी, जो अब तक चल रही है. देश का आम बजट 2024 (Budget 2024) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) में पेश करेंगी, उनका यह छठवां बजट होगा. बजट को लेकर चर्चा तो खूब होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये 'Budget' शब्द आखिर आया कहां से, तो बता दें कि ये खास शब्द फ्रेंच भाषा के लातिन शब्द 'बुल्गा' से बना है, जिसका अर्थ होता है चमड़े का थैला. बुल्गा से फ्रांसीसी शब्द बोऊगेट की उत्पति हुई. इसके बाद अंग्रजी शब्द बोगेट अस्तित्व में आया और इसी बोगेट शब्द से बजट शब्द की उत्पत्ति हुई. इसलिए पहले बजट चमड़े के बैग में लेकर आया जाता था. First Updated : Saturday, 27 January 2024