Poonch Terrorist Attack: कश्मीर से आए आतंकी ने घात लगाकर किया हमला, एक रह चुका है हिजबुल का कमांडर

Poonch Terrorist Attack: पुंछ में हुए आतंकी हमले के पीछे रफीक नाई का हाथ बताया जा रहा है, जो मेंढर के नक्का इलाके का रहने वाला है और हिजबुल का कमांडर रह चुका है. अक्टूबर 2021 में भी दोनों हमले रफीक नाई के निर्देश पर ही हुए थे.

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Poonch Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार (21 दिसंबर) को भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों द्वारा सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए और दो घायल हैं. अधिकारियों ने कहा कि सैनिकों को घेराबंदी और तलाशी अभियान स्थल पर ले जा रहे वाहनों पर सुरनकोट पुलिस स्टेशन के तहत ढेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर एक अंधे मोड़ पर दोपहर करीब 3.45 बजे हमला किया गया. हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन की एक शाखा ने ली है.

हमले में अभीतक 5 जवान शहीद

इस हमले को अंजाम देने के बाद आतंकी कुछ दिन पहले ही कश्मीर से इलाके में पहुंचे थे. यह वही आतंकी समूह है जिसने 2021 में डेरी स्ट्रीट के चमरेड़ और भाटाधुलियान के जंगलों में हमला कर सेना के दस जवानों को बलिदान कर दिया था. इसके बाद 20 अप्रैल को भाटाधुलियान के संगेयोट इलाके में सेना के वाहन पर हमला कर आतंकियों ने पांच जवानों को शहीद कर दिया था.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन आतंकियों के निशाने पर सेना के अधिकारी थे. यह हमला भी रफीक नाई के निर्देश पर हुआ था और अक्टूबर 2021 में भी दोनों हमले रफीक नाई के निर्देश पर ही हुए थे. इसके बाद इसी साल 20 अप्रैल को सेना की गाड़ी पर हमला किया गया, जिसमें पांच जवान शहीद हो गये, यह भी रफीक नाई के निर्देश पर ही हुआ था.

 रफीक नाई रह चुका है हिजबुल का कमांडर

गुलाम जम्मू-कश्मीर में बैठा रफीक नाई 2008 से राजौरी और पुंछ दोनों जिलों में अपनी गतिविधियों को अंजाम देने में लगा हुआ है. रफीक नाई मेंढर के नक्का इलाके का रहने वाला है और हिजबुल का कमांडर रह चुका है. गुलाम कश्मीर में जाकर उन्होंने गजनी फोर्स का गठन किया.

इस संगठन पर प्रतिबंध के बावजूद यह राजौरी और पुंछ में हमले की साजिशें रचता रहा. इन हमलों को अंजाम देने के बाद तीनों आतंकी कश्मीर घाटी की ओर चले गए और वहां कुछ समय बिताने के बाद रफीक नाई के कहने पर कुछ दिन पहले फिर डेरा गली के जंगल में पहुंच गए.

पाकिस्तान के आतंकी संगठन ने ली इसकी जिम्मेदारी

पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट ने घात लगाकर किए गए हमले की जिम्मेदारी ली है.

वहीं, अधिकारियों ने सैनिकों के आतंकवादियों के साथ आमने-सामने की लड़ाई में शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया है. अधिकारियों ने कहा कि ऐसी संभावना है कि आतंकवादियों ने लक्षित सैनिकों के हथियार छीन लिये हैं.

5 जवान पिछले महीने शहीद हो चुके हैं

यह घात पास के राजौरी जिले के बाजीमल वन क्षेत्र के धरमसाल बेल्ट में एक बड़ी गोलीबारी के कुछ सप्ताह बाद हुआ. पिछले महीने दो कैप्टन समेत सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे. नवंबर में दो दिन की मुठभेड़ में लश्कर का एक टॉप कमांडर क्वारी और उसका एक साथी मारा गया था. क्वारी कई हमलों का मास्टरमाइंड था, जिसमें 10 नागरिकों और पांच सेना कर्मियों की हत्या भी शामिल थी. 

राजौरी और पुंछ जिलों की सीमा पर ढेरा की गली और बुफलियाज़ के बीच का क्षेत्र घने जंगलों वाला है और चमरेर जंगल और फिर भाटा धुरियन जंगल की ओर जाता है, जहां इस साल 20 अप्रैल को सेना के एक वाहन पर घात लगाकर हमला किया गया था. पांच जवान शहीद हो गये.

मई में चमरेर जंगल में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान सेना के पांच और जवान शहीद हो गए थे और एक वरिष्ठ रैंक का अधिकारी घायल हो गया था. ऑपरेशन में एक विदेशी आतंकवादी भी मारा गया.

अधिकारियों ने कहा कि हिंसा में वृद्धि क्षेत्र में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए सीमा पार से एक हताश प्रयास है. उन्होंने कहा, इस साल राजौरी, पुंछ और रियासी जिलों में मुठभेड़ों की एक श्रृंखला देखी गई, जिसमें अब तक 19 सुरक्षाकर्मियों और 28 आतंकवादियों सहित 54 लोग मारे गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, ज्यादातर आतंकी सीमा पार घुसने की कोशिश के दौरान मारे गए.

जवानों पर हुए हमले को लेकर जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों गुलाम नबी आजाद और महबूबा मुफ्ती ने कड़ी निंदा की है. वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने एक पोस्ट में कहा, भारत की रक्षा में उनके सर्वोच्च बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा. इस कठिन समय में मैं शहीदों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. First Updated : Friday, 22 December 2023