महाकुंभ 2025 को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए शुरू हुआ अनोखा अभियान, नारा- 'एक प्लेट, एक थैला'; जानें
2025 के महाकुंभ को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए 'वन प्लेट, वन बैग' अभियान की शुरुआत की गई है. इस पहल के तहत श्रद्धालुओं को कपड़े के थैले, स्टील की प्लेट और गिलास वितरित किए जा रहे हैं, ताकि प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त किया जा सके. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस अभियान की शुरुआत की है, जो समाज में जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रहा है.

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में त्रिवेणी संगम के तट पर आयोजित महाकुंभ 2025 को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए एक अनूठी पहल की जा रही है. दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए 'वन प्लेट, वन बैग' अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान का उद्देश्य श्रद्धालुओं को कपड़े के थैले, स्टील की प्लेट और गिलास वितरित कर प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह खत्म करना है.
आरएसएस (RSS) ने शुरू किया 'वन प्लेट, वन बैग' अभियान
आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह-सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने ओल्ड जीटी रोड के सेक्टर 18 में इस अभियान की शुरुआत की. आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख मुरार त्रिपाठी ने बताया कि अब तक लगभग 70,000 कपड़े के थैले वितरित किए जा चुके हैं. देशभर से 20 लाख स्टील की प्लेटें और गिलास भी एकत्र किए गए हैं, जो लंगरों और भोजन दुकानों में वितरित किए जा रहे हैं. बता दें कि गोपाल ने तीर्थयात्रियों से अपील की, ''प्लास्टिक मुक्त समाज बनाने के लिए हमें कपड़े के थैले और स्थायी बर्तनों का उपयोग करने की आदत डालनी चाहिए.''
सीएम योगी का पर्यावरण संरक्षण पर जोर
वहीं आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मकर संक्रांति और पहले अमृत स्नान के अवसर पर लोगों को बधाई देते हुए तीर्थयात्रा के दौरान पर्यावरण अनुकूल व्यवहार अपनाने और एकल उपयोग वाले प्लास्टिक से बचने का आग्रह किया.
गूगल ने महाकुंभ का अनोखे ढंग से जश्न मनाया
बता दें कि गूगल ने अपनी सर्च स्क्रीन पर गुलाब की पंखुड़ियों की आभासी वर्षा कर महाकुंभ का जश्न मनाया. महाकुंभ, कुंभ मेला जैसे शब्द सर्च करने पर यह विशेष एनिमेशन दिखाई देता है. महाकुंभ के आधिकारिक एक्स हैंडल पर इस विशेष पहल के लिए गूगल का धन्यवाद किया गया.
तीर्थयात्रियों की भारी भीड़
इसके अलावा आपको बताते चले कि 13 जनवरी को शुरू हुए इस महाकुंभ में पहले दो दिनों में ही लगभग 5 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई. उत्तर प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि मेले के दौरान कुल 40-45 करोड़ श्रद्धालु आएंगे.