विपक्षी एकता की अगली बैठक को लेकर आप ने रखी ये शर्त, अध्यादेश पर कांग्रेस की चुप्पी संदेहास्पद

आप की तरफ से केंद्र के अध्यादेश को लेकर एक बयान सामने आया है। जिसमें पार्टी ने कहा है कि जब तक कांग्रेस का स्टैंड अध्यादेश को लेकर साफ नहीं होता तब तक विपक्ष की किसी भी बैठक में आम आदमी पार्टी शामिल नहीं होगी।

Tahir Kamran
Edited By: Tahir Kamran

हाइलाइट

  • विपक्षी एकता की बैठक के बाद आप का बड़ा बयान
  • "केंद्र के अध्यादेश पर कांग्रेस की चुप्पी संदेहास्पद"
  • प्रेस कांफ्रेंस में शामिल नहीं हुए AAP नेता

Bihar Opposition Meeting: बिहार के पटना में हुई विपक्ष की बैठक खत्म हो चुकी है। इस बैठक में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए। आप की तरफ से केंद्र के अध्यादेश को लेकर एक बयान सामने आया है। जिसमें पार्टी ने कहा है कि जब तक कांग्रेस का स्टैंड अध्यादेश को लेकर साफ नहीं होता तब तक विपक्ष की किसी भी बैठक में आम आदमी पार्टी शामिल नहीं होगी।

23 जून को पटना में हुई राजनीतिक दलों की बैठक पर आम आदमी पार्टी ने बयान जारी किया है। इसमें पार्टी की तरफ से कहा गया है कि जब तक कांग्रेस सार्वजनिक रूप से काले अध्यादेश का विरोध नहीं करती है और ये घोषणा नहीं करती है कि उसके सभी 31 राज्यसभा सांसद राज्यसभा में अध्यादेश का विरोध करेंगे, तब तक आम आदमी पार्टी के लिए समान विचारधारा वाले दलों की भविष्य में होने वाली बैठकों में भाग लेना मुश्किल होगा, जिसमें कांग्रेस भी हिस्सा ले रही है।

'अध्यादेश पर कांग्रेस की चुप्पी संदेहास्पद'

आम आदमी पार्टी ने आगे कहा,"अध्यादेश पर कांग्रेस की चुप्पी उसके वास्तविक इरादों पर संदेह पैदा करती है। व्यक्तिगत चर्चाओं में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने संकेत दिया है कि उनकी पार्टी अनौपचारिक या औपचारिक रूप से राज्यसभा में इस पर मतदान से दूर रह सकती है. इस मुद्दे पर कांग्रेस के मतदान से दूर रहने से बीजेपी को भारतीय लोकतंत्र पर अपने हमले को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी"

विपक्ष की बैठक में कुल 17 पार्टियां शामिल हुईं थीं। आप के मुताबिक, 17 में से 11 पार्टियों ने केंद्र के अध्यादेश पर आम आदमी पार्टी का समर्थन किया है। AAP ने कहा, ''अब समय आ गया है कि कांग्रेस तय करे कि वह दिल्ली की जनता के साथ खड़ी है या मोदी सरकार के साथ.''

पार्टी की ओर से जारी बयान में आगे कहा गया है कि,"काला अध्यादेश संविधान विरोधी,संघवाद विरोधी और पूर्णतया अलोकतांत्रिक है। इसके अलावा,यह इस मुद्दे पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को उलटने का प्रयास करता है और न्यायपालिका का अपमान है। 

प्रेस कांफ्रेंस में शामिल नहीं हुए AAP नेता 

विपक्षी नेताओं की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में न तो अरविंद केजरीवाल शामिल हुए और न ही आम आदमी पार्टी का कोई नेता। बैठक खत्म होते ही सभी आप नेता पटना सीएम आवास से निकल गए। वहीं इससे पहले तक बताया जा रहा था कि बैठक में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में अध्यादेश पर सबका साथ मांगा। इस पर उद्धव ठाकरे समेत कई अन्य नेताओं ने कांग्रेस से अध्यादेश पर समर्थन देने की अपील भी की। 

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23 June 2023, 08:10 PM IST

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