"बीजेपी अगर संसद को सुरक्षित नहीं रख सकती तो...."सुरक्षा चूक के बाद सांसद राघव चड्ढा ने उठाए सवाल
Raghav Chadha: बुधवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और सांसद राघव चड्ढा ने संसद में हुए सुरक्षा चूक को लेकर बीजेपी पर कई सवाल खड़े कर दिए.
Security Breach: बुधवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और सांसद राघव चड्ढा ने संसद में हुए सुरक्षा चूक को लेकर बीजेपी पर कई सवाल खड़े कर दिए. आप नेता मीडिया से बात करते हुए कहा, दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा संसद में घुसपैठ करने और यहां तक कि सत्र के दौरान लोकसभा में घुसकर रासायनिक धुंआ छिड़कने के बाद, कुछ सदस्यों द्वारा काबू किए जाने से पहले, राज्यसभा सांसद ने कहा, "इसी दिन, 2001 में, कुछ आतंकवादियों ने हमारी संसद पर हमला किया था. जिस दिन हम उस हमले को मनाने के लिए एकत्र हुए थे, लोकसभा के अंदर बड़े पैमाने पर सुरक्षा उल्लंघन हुआ था.''
आप सांसद ने कहा, "यह कोई सामान्य सुरक्षा उल्लंघन नहीं है. यह हमारे लोकतंत्र के मंदिर पर हमला है. यह बेहद जरूरी है कि इस घटना की जांच की जाए और जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश की जाए."
आप सांसद ने कहा, "देश के नागरिक और संसद सदस्य दोनों के रूप में इस घटना से जुड़े कई सवाल मुझे परेशान कर रहे हैं. सुरक्षा उल्लंघन के बारे में पता चलने के बाद पहला सवाल जो मेरे दिमाग में आया वह यह था कि कोई व्यक्ति, जो सदस्य नहीं है, कैसे पहुंच सकता है? दर्शक दीर्घा में धुंए के डिब्बे ले जाने के बावजूद सुरक्षा जांच के दौरान वे बिना पहचाने निकल जाते हैं. जैसे ही कोई दर्शक दीर्घा में पहुंचता है, उसे सुरक्षा की 3-4 परतों से गुजरना पड़ता है. आपकी जांच की जाती है और तलाशी ली जाती है और यहां तक कि संसद के अंदर मोबाइल फोन तक ले जाने की अनुमति नहीं दी जाती है.''
आप नेता ने कहा, "इस घटना से जो दूसरा सवाल उठता है वह यह है कि वे 'माननिया संसद' कौन थे जिन्होंने आगंतुक पास पर हस्ताक्षर किए, जिससे इन व्यक्तियों को संसद में घुसपैठ करने की अनुमति मिली? जब तक संसद का मौजूदा सदस्य है, कोई भी आगंतुक दीर्घा तक नहीं पहुंच सकता है आगंतुक के पास पर अपना हस्ताक्षर करता है. तो ये सदस्य कौन थे और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? क्या उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा? क्या उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी? ये ऐसे सवाल हैं जो इस सुरक्षा उल्लंघन के मद्देनजर सामने आते हैं."
इसी बीच उन्होनें सांसद में तीसरा बड़ा सवाल पूछा कि "2001 के संसद हमले की बरसी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल ठीक से क्यों नहीं बनाए रखा गया? यदि सदस्य संसद के अंदर सुरक्षित नहीं हैं, तो बाहर लोगों की दुर्दशा की कल्पना करें। यदि भाजपा 'सदन' को बरकरार नहीं रख सकती है." संसद) सुरक्षित है, वे देश और इसके लोगों को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?"