AAP ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का किया समर्थन, कहा- सभी की सहमति से हो लागू

आम आदमी पार्टी ने समान नागरिक संहिता का समर्थन किया है. आम आदमी पार्टी के नेता संदीप पाठक ने कहा है कि, सैद्धांतिक रूप से हम UCC का समर्थन करते है. संविधान का अनुच्छेद 44 भी इसका समर्थन करता है.

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AAP On UCC: आम आदमी पार्टी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर पार्टी का रुख साफ कर दिया है. आम आदमी पार्टी ने समान नागरिक संहिता का समर्थन किया है. आम आदमी पार्टी के नेता संदीप पाठक ने कहा है कि, सैद्धांतिक रूप से हम UCC का समर्थन करते है. संविधान का अनुच्छेद 44 भी इसका समर्थन करता है. अनुच्छेद 44 कहता है कि UCC होना चाहिए लेकिन ये मुद्दा सभी धर्म संप्रदाय से जुड़ा है, इसलिए सभी धर्म संप्रदायों, राजनीतिक दलों और संगठनों से व्यापक विचार-विमर्श के बाद आम सहमति बनानी चाहिए.

UCC को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बैठक में अहम फैसला

पीएम नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता की जोरदार वकालत की है. जिसके बाद विपक्षी दलों से लेकर मुस्लिम संगठनों में भी खलबली मच गई है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आनन-फानन में देर रात इमर्जेंसी मीटिंग की. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मंगलवार देर रात बैठक हुई जो कि करीब तीन घंटे तक चली.
मीटिंग के दौरान लिये गए फैसले पर बोर्ड अपना एक पूरा ड्राप्ट तैयार करेगा. इसके बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से जुड़े लोग लॉ कमीशन के अध्यक्ष से मिलने का वक्त मांगेंगे. इस दौरान बोर्ड अपना ड्राफ्ट लॉ कमीशन को देगा. बताया जा रहा है कि शरीयत के जरूरी हिस्सों का इस ड्राप्ट में जिक्र होगा. 

समान नागरिक संहिता को लेकर पीएम मोदी ने दिया था बड़ा बयान

देश में इन दिनों एक मुद्दा खूब तूल पकड़ा हुआ है. जिस पर जमकर सियासत हो रही है और इस अब इस सियासत के केंद्र में पीएम मोदी भी आ गए है. पीएम मोदी ने देश में समान नागरिक संहिता की चर्चा छेड़कर इसे राष्ट्रीय विमर्श का विषय बना दिया है. पीएम मोदी ने विपक्ष पर करारा वार करते हुए यूसीसी की जोरदार वकालत की है. पीएम मोदी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि, भूखी पार्टियां समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर मुसलमानों में भ्रम फैला रही हैं. सुप्रीम कोर्ट कहता है कि यूसीसी लागू करो लेकिन वोट बैंक के भूखे ये लोग नहीं चाहते हैं. इसके नाम पर लोगों को भड़काने का काम किया जा रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि अगर एक परिवार में सदस्यों के लिए अलग-अलग व्यवस्था हो तो परिवार नहीं चल सकता. ऐसे ही एक देश में लोगों के लिए अलग-अलग कानून कैसे हो सकता है? एक घर दो कानूनों से नहीं चल पाएगा, ठीक उसी तरह से एक देश में दो कानून नहीं हो सकते हैं. 
  First Updated : Wednesday, 28 June 2023