Chandrayan-3 : चंद्रयान-3 को लैंड कराने में अभिषेक ने निभाई खास भूमिका, ली थी अपने कंधों पर जिम्मेदारी
Chandrayan-3 : चंद्रयान-3 ने भारत में अपना एक इतिहास रच दिया है. हर जगह सिर्फ खुशी का माहौल बना हुआ है. इसी क्रम में चंद्रमा की कभा में यान को सफलतापूर्वक पहुंचाने में लखनऊ के अभिषेक ने भी अहम भूमिका निभाई है.
हाइलाइट
- चंद्रयान-3 ने भारत में अपना एक इतिहास रच दिया है.
Chandrayan-3 : इसरो के प्रोग्राम मैनेजर अभिषेक सिंह की प्रारंभिक रिक्षा रुद्रपुर में अपने ननिहाल में हुई . सतासी इंटर कॉलेज से 10वीं और जनता इंटर कॉलेज से 12 वहीं पास करने के बाद उन्होंने आईआईटी बीएचयू से स्वर्ण पदक के साथ एमएमसी गणित और आईआईटी रुड़की से एमसीए की पढ़ाई पूरी की है. मिशन चंद्रयान-3 को लेकर लखनऊ के अभिषेक ने भी कम मेहनत नहीं की है . उन्होंने चंद्रयान-3 लैंड कराने की अपने कंधों पर जिम्मेदारी निभाई है.
इसरो के साथ ली कंधों पर जिम्मेदारी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के चंद्रयान-3 समेत मंगलयान और चंद्रयान-2 में भी लखनऊ के अभिषेक ने भूमिका निभाई थी और चंद्रयान-3 में भी लैंड करने की जिम्मेदारी उन्होंने अपने कंधों पर उठाई है. देवरिया निवासी अभिषेक का परिवार 2017 से सरोजनी नगर में रह रहा है.
समय पास आने पर बड़ी दिल की धड़कने
अभिषेक इसरो के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में कार्य करते हैं. जो कि सैचेलाइट के निर्माण कराते हैं. साथ ही उससे जुड़ी कई तकनीकी सहायता प्रदान कराते हैं. अभिषेक ने बताया है कि जैसे जैसे लैंडिंग का समय निकट आ रहा था वैसै वैसे हमारे दिलों की धड़कने का तेज होती जा रही थीं.
यात्रा रही काफी रोमांचक
इस मिशन में लैंडिंग से 30 किलोमीटर की दूरी रह जाने पर यह यात्रा काफी रोमांचक रही. जब सफल लैंडिंग हो गया तो सभी लोगों की जान में जान आई क्योंकि हम इस बात से डरते थे कि मेहनत करने के बाद पहले जैसा न हो जाए जब तक सफल लैंडिंग नहीं हुई तब तक हमारे मन एक डर सा था.