Adani-Hindenburg Case: सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार यानी आज हिंडनबर्ग रिसर्च और अडानी ग्रुप मामले की सुनवाई हुई. हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में किए गए खुलासे को लेकर याचिकाकर्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को सत्य बयान के तौर पर नहीं मान सकते हैं.
शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट की सत्यता परखने का कोई साधन नहीं है. जिस कारण उसने SEBI से इस मामले की जांच करने को कहा है. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यहां पेश होने वाले कुछ लोग बाहर की संस्थाओं को अपनी रिपोर्ट भेजकर उसे उनके जरिए छपवाते हैं और फिर उसके आधार पर कोर्ट में आरोप लगाते हैं.
एसजी तुषार मेहता ने आज सुप्रीम कोर्ट को सेबी के खिलाफ अवमानना याचिका के बारे में अवगत कराया और कहा कि अदालत के आदेश का केवल 10 दिनों तक अनुपालन नहीं हुआ और अब अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया शुरू हो गई है.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कई तथ्यात्मक खुलासे हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर विचार करने की जरूरत नहीं है और यही कारण है कि उसने सेबी से जांच करने को कहा है. भूषण ने इस मामले में सेबी की भूमिका पर संदेह जताया और कहा कि 2014 में उसके पास बहुत सारी जानकारी उपलब्ध थी.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित मामले की सुनवाई पर एसजी तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सेबी हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित आगे की जांच पर विस्तार की मांग नहीं कर रहा है. 24 मामले हैं. 24 मामलों में से 22 मामलों की जांच पूरी हो चुकी है.
सुप्रीम कोर्ट जानना चाहता है कि सेबी यह सुनिश्चित करने के लिए क्या करेगी कि भविष्य में शेयर बाजार में अस्थिरता को रोका जाए. एसजी मेहता विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के माध्यम से अदालत में जाते हैं. First Updated : Friday, 24 November 2023