गौतम अडानी को तो जेल में होना चाहिए... लेकिन मोदी सरकार बार-बार बचा रही है!- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने संसद में कहा कि अडानी पर अमेरिका में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, लेकिन मोदी सरकार उन्हें गिरफ्तार नहीं करवा रही है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि अडानी को बचाने के लिए जानबूझकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. वहीं, अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि मीडिया में चलाई गई खबरें गलत हैं. अब सवाल यह है कि क्या सच में अडानी के खिलाफ कोई जांच होगी, या फिर यह मामला यूं ही राजनीति का हिस्सा बनकर रह जाएगा? पूरी खबर जानने के लिए पढ़ें!
Rahul Gandhi Statement: लोकसभा में आज (बुधवार) अडानी ग्रुप के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर राजनीति गरमाई रही. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार को घेरते हुए कहा कि गौतम अडानी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार उन्हें बचा रही है. राहुल गांधी का यह बयान अडानी ग्रुप के खिलाफ मीडिया में चल रही खबरों और विपक्षी दलों द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के संदर्भ में था.
राहुल गांधी ने संसद में कहा, 'क्या आपको लगता है कि अडानी अपने आरोपों को स्वीकार करेंगे? बिल्कुल नहीं, वह हमेशा इनकार करेंगे. लेकिन सच यह है कि अडानी पर अमेरिका में हजारों करोड़ रुपये का आरोप है और वे जेल में होने चाहिए. कई छोटे आरोपों में लोग गिरफ्तार हो रहे हैं, लेकिन अडानी पर आरोप गंभीर हैं, फिर भी सरकार उन्हें बचा रही है.' राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अगर सरकार सही है तो अडानी के खिलाफ जांच क्यों नहीं हो रही है और क्यों उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है?
अडानी ग्रुप का बयान
इस बीच, गौतम अडानी ग्रुप ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए इन आरोपों को खारिज किया है. ग्रुप ने कहा कि अमेरिकी भ्रष्टाचार प्रैक्टिस एक्ट (FCPA) के तहत उनके खिलाफ कोई भी आरोप नहीं हैं और इस मामले में मीडिया में चलाई गई खबरें पूरी तरह से गलत हैं. अडानी ग्रुप ने यह भी साफ किया कि गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और विनीत जैन पर अमेरिकी न्याय विभाग (US DOJ) या अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (US SEC) द्वारा किसी प्रकार का कोई आरोप नहीं लगाया गया है.
अडानी ग्रुप ने अपने बयान में आगे कहा कि मीडिया में जो खबरें चल रही हैं, वे पूरी तरह से आधारहीन और गलत हैं. इस दौरान ग्रुप ने यह भी बताया कि केवल सीडीपीक्यू और एज्यूर अधिकारियों के खिलाफ ही कुछ आरोप लगाए गए हैं, जबकि अडानी ग्रुप के अधिकारियों का इस मामले से कोई संबंध नहीं है.
सही क्या है और क्या नहीं?
अडानी ग्रुप और राहुल गांधी के बयान के बीच यह विवाद और भी गहरा गया है. जहां एक ओर कांग्रेस नेता ने आरोप लगाए हैं कि मोदी सरकार अडानी को बचा रही है, वहीं अडानी ग्रुप ने आरोपों को नकारते हुए अपनी सफाई दी है. यह मामला अब राजनीति से लेकर व्यापार जगत तक में एक गर्म विषय बन चुका है और देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में क्या नया मोड़ आता है.
क्या अडानी के खिलाफ सच में कोई कार्रवाई होगी या फिर यह विवाद यूं ही जारी रहेगा? इस सवाल का जवाब तो वक्त ही दे सकता है. लेकिन फिलहाल, यह मामला पूरी तरह से सुर्खियों में बना हुआ है.