Congress:'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर बनी समिति में शामिल होने से अधीर रंजन चौधरी का इनकार, कांग्रेस का बीजेपी पर हमला

One Nation One Election Committee: 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने समिति में शामिल होने से इनकार कर दिया है और गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र भी लिखा है.

Lalit Hudda
Edited By: Lalit Hudda

Congress On One Nation One Election Committee: 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोला है. कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को समिति में शामिल नहीं किए जाने पर पार्टी ने बीजेपी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए है. वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने समिति में शामिल होने से इनकार कर दिया है और गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र भी लिखा है.

दरअसल, शनिवार को केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इसका सदस्य बनाने का एलान किया था. कमेटी में अध्यक्ष समेत 8 सदस्य को शामिल किया गया. 

अब इस पर राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस ने एक राष्ट्र-एक चुनाव पर गठित समिति को देश में संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगया है. पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को समिति का हिस्सा नहीं बनाना समझ से परे है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए है कि सरकार का ये कदम अदाणी, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए लिया गया है. 

अधीर रंजन चौधरी ने शाह को लिखा पत्र 

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को समिति में शामिल किया गया. लेकिन उन्होंने इसके स्वीकार करने से साफ मना कर दिया है. अधीर रंजन ने इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र भी लिखकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए. उन्होंने पत्र में लिखा, "राज्यसभा में विपक्ष के मौजूदा नेता को इससे बाहर रखा गया है. संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था का यह जान बूझकर किया गया अपमान है. ऐसे हालात में, मेरे पास आपके निमंत्रण को अस्वीकार करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है."

वाईएसआर कांग्रेस ने की वकालत

वाईएसआर कांग्रेस के महासचिव और राज्यसभा सदस्य वी विजयसाई रेड्डी ने एक राष्ट्र-एक चुनाव के प्रस्ताव की वकालत की है. उन्होंने कहा कि इससे हजारों करोड़ रूपये बचाने में मदद मिलेगी. रेड्डी ने एक्स पर लिखा, "भारत में यह अवधारणा कोई नई नहीं है. 1951-52, 1957, 1962 और 1967 में एक साथ लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव हुए थे. आंध्र प्रदेश पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. क्योंकि राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ ही होते हैं." 

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03 September 2023, 08:53 AM IST

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