ISRO Solar Mission News : भारत हर क्षेत्र में विकास कर रहा है. मिशन चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग से दुनिया भर में भारत की वाहवाही देखने को मिली है. चंद्रयान मिशन के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुंसाधन संगठन (ISRO) ने सौर मिशन को भी लॉन्च किया था. अब इस मिशन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. गुरुवार 28 दिसंबर को इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने बताया कि सौर मिशन आदित्य L1 6 जनवरी, 2024 को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज पॉइंट 1 पर पहंचेगा.
इसरो प्रमुख ने बताया कि आदित्य L1 अगले महीने की 6 तारीख को लैग्रेंज पॉइंट पर पहुंच जाएगा. एस. सोमनाथ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बंबई के एनुअल साइंस और टेक्नोलॉजी प्रोग्राम टेकफेस्ट 2023 में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आदित्य एल 1 अब करीब-करीब वहां पहुंच चुका है. ये 6 जनवरी की शाम 4 बजे लैग्रेंज पॉइंट पर पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा कि आदित्य एल 1 इंजन को बहुत नियंत्रित तरीके से ऑपरेट करेंगे, जिससे कि वह हेलो ऑर्बिट नामक कक्षा में प्रवेश कर सके.
इसरो ने देश के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 (Aditya L1) को 2 सितंबर, 2023 को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया था. इस मिशन का उद्देश्य सूर्य के आसपास के वायुमंडल का अध्ययन करना, क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग की स्टडी करना, फ्लेयर्स पर रिसर्च करना है. इसके साथ ही इसको ये पता लगाना चाहता है कि क्या सूर्य के आसपास हवा की उत्पत्ति, संरचना और गतिशीलता को जांचना है.
लैग्रेंज पॉइंट पर एरिया है जहां पर धरती और सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण निष्क्रिय हो जाएगा. इसको प्रमुख ने कहा कि सभी छह पेलोड का परीक्षण किया जा चुका है वे अच्छे से काम कर रहे हैं. पृथ्वी से सूरज की दूरी करीब 15 करोड़ किलोमीटर है. इस दूरी के बीच 5 लैग्रेंज पॉइंट्स हैं. उनको L1, L2, L3, L4 और L5 पॉइंट कहते हैं. एल 1 धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर है. एल 1 पॉइंट को लैग्रेंजियन पॉइंट, लैग्रेंज पॉइंट, लिबरेशन पॉइंट या एल-पॉइंट के तौर पर जाना जाता है.
इसरो ने क्यों चुना एल 1 पॉइंट
एल 1 एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर सूर्य 24 घंटे अवलोकन किया जा सकता है. ये वो स्थान है जहां धरती और सूरज के गुरुत्वाकर्षण के बीच एक बैलेंस बन जाता है. ऐसा होने पर एक सेंट्रिफ्यूंगल फोर्स बन जाता है, इस फोर्स की वजह से कोई स्पेसक्राफ्ट एक जगह पर स्थिर रह सकता है. यहां पर सूर्य सातों दिन और 24 घंटे दिखाई देता है. ये पॉइंट पृथ्वी के पास है और ये संचार में काफी आसानी होती है. इस वजह से ये स्थान स्टडी के लिहाज से सबसे अच्छा माना जाता है. इसलिए इसरो ने एल1 को चुना है. First Updated : Friday, 29 December 2023