Crime Against Women: कोलकाता में हुए रेप और मर्डर मामले के बाद डॉक्टरों ने केंद्र सरकार से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है. केंद्र और राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित कानूनों के बिल पास करने की जिम्मेदारी सांसदों और विधायकों की होती है लेकिन जब यही रक्षक खुद भक्षक बन जाएं, जैसे कि सांसदों और विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हों, तो फिर समाज को किससे उम्मीद करनी चाहिए? हाल ही में इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट सामने आई है जो सभी को चौंका देती है. आइए इस खबर को विस्तार से समझते हैं...
हाल ही एक चुनाव अधिकार संस्था की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 151 मौजूदा सांसदों और विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज है जिसमें में आधे से अधिक भाजपा से जुड़े हुए लोग है इसके अलावा पश्चिम बंगाल में ऐसे मामलों का सामना करने वाले सांसदों और विधायकों की संख्या अधिक है. इस रिपोर्ट के बात समाज में सवाल उठने शुरू हो गए है कि क्या हमने सहीं सांसदों और विधायकों को चुना तो आइए जानते हैं आगे की जानकारी.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में 4,809 में से 4,693 सांसदों और विधायकों के चुनावी हलफनामों का विश्लेषण किया गया है. इस विश्लेषण में 775 में से 755 सांसद और 4,693 में से 4,033 विधायक शामिल हैं. रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि 16 मौजूदा सांसदों और विधायकों पर बलात्कार के आरोप हैं, जिनमें से 2 सांसद और 14 विधायक हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज होने वाले 151 नेताओं में से 16 मौजूदा सांसद और 135 मौजूदा विधायक शामिल हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के नेताओं के खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 54 मामले दर्ज हैं, जो सबसे ज्यादा हैं. इसके बाद कांग्रेस के 23 और टीडीपी के 17 नेताओं के खिलाफ ऐसे मामले हैं. भाजपा और कांग्रेस के 5-5 सांसदों और विधायकों पर बलात्कार के आरोप लगे हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP), बीएपी, एआईयूडीएफ, तृणमूल कांग्रेस, और टीडीपी के एक-एक सांसद या विधायक पर भी बलात्कार के आरोप हैं.
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित आरोपों का सामना कर रहे 25 सांसदों और विधायकों के साथ पश्चिम बंगाल शीर्ष पर है. इसके बाद आंध्र प्रदेश में 21 और ओडिशा में 17 सांसद-विधायक इस सूची में शामिल हैं। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या, और ठाणे में दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. First Updated : Wednesday, 21 August 2024