Tirupati Laddu Controversy: आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में लड्डू बनाने के लिए कथित तौर पर मिलावटी घी के इस्तेमाल को लेकर चल रहे विवाद के बीच आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि लैब रिपोर्ट निश्चित रूप से यह संकेत नहीं देती है कि 'मिलावटी घी' का इस्तेमाल किया गया था. तिरुपति लड्डू, जिसे ‘श्रीवारी लड्डू’ के नाम से भी जाना जाता है, 300 से अधिक वर्षों से मंदिर में चढ़ाया जाने वाला मुख्य प्रसाद है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस विश्वनाथन ने लैब रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा, 'लैब रिपोर्ट में कुछ अस्वीकरण हैं. यह स्पष्ट नहीं है, और यह प्रथम दृष्टया संकेत देता है कि यह अस्वीकृत घी था, जिसका परीक्षण किया गया था.' इस चर्चा के दौरान आंध्र प्रदेश राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर वकील मुकुल रोहतगी मौजूद रहे. इस बीच जस्टिस गवई ने कहा, 'यह सोयाबीन भी हो सकता है. इसका मतलब यह नहीं है कि यह मछली का तेल था.'
इस बीच सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि यह मुद्दा आस्था से जुड़ा है और लड्डू बनाने में मिलावटी घी का इस्तेमाल अस्वीकार्य है. सुप्रीम कोर्ट इस समय इस बात पर विचार कर रहा है कि मामले की जांच केंद्र द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपी जाए या किसी स्वतंत्र एजेंसी को.
दरअसल, चिंता जताते हुए, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने पिछले सप्ताह शुद्धिकरण अनुष्ठान आयोजित कराया था. यह समारोह, जिसे 'शांति होमम' के नाम से जाना जाता है, रसोई में किया गया, जहां प्रसाद के लिए लड्डू बनाए जाते हैं.
दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछले दिनों यह आरोप लगाकर सनसनी मचा दी थी कि जगन मोहन रेड्डी की सरकार में तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने में जिस घी का इस्तेमाल होता था उसमें जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिला हुआ रहता था. हालांकि रेड्डी ने इन आरोपों का खंडन किया था. First Updated : Monday, 30 September 2024