बेंगलुरु की एक कंपनी के विज्ञापन ने इंटरनेट पर मचा दिया बवाल, जानें क्या है मामला?
Bengaluru: बेंगलुरु की एक कंपनी 1,500 रुपए में प्रकृति से जुडने के लिए पेशकश कर रही है, जिससे कुछ सोशल मीडिया यूजर ने नाराजगी जाहिर की है. कंपनी की कीमत का एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है
Bengaluru: इस आधुनिक जीवन में बढ़ रहे मानसिक तनाव (स्ट्रेस ) से छुटकारा पाना के लिए प्रकृति से जुड़ना एक शक्तिशाली उपाय हो सकता है. कई शोध( रिसर्च) में भी देखने को मिलता है कि प्राकृतिक वातावरण में समय बिताने से चिंता और तनाव कम होता है. साथ ही आपके आत्म-सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है. हर भरे वातावरण से जुडने में हमारा ध्यान केंद्रित रखने में भी बेहद मदद मिलती है. और चुनौतीपूर्ण भावनाओं को दूर करने में भी मदद मिल सकती है.
हालांकि देखें तो, कई शहरवासियों को प्रकृति के साथ फिर से जुड़ने के लिए समय निकालना और शांत वातावरण ढूंढना चुनौतीपूर्ण लगता है. ऐसे ही एक जापानी प्रथा शिन्रिन योकू है. जहां पर प्रकृति के साथ जुडने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है. इससे लोगों के अंदर जन्में तनाव और अवसाद और समग्र कल्याण में सुधार होता है.
1500 रुपए लेकर प्रकृति से जुड़ने की पेशकश
इस दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए एक पोस्ट ने विवाद खड़ा करके रख दिया है. बेंगलुरु की एक कंपनी 1,500 रुपए में प्रकृति से जुडने के लिए पेशकश कर रही है , जिससे कुछ सोशल मीडिया यूजर ने नाराजगी जाहिर की है. कंपनी की कीमत का एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, जिसमें कई लोग उस विज्ञापन के स्क्रीनशॉट की आलोचना कर रहे हैं जो सभी के लिए मुफ्त में उपलब्ध होनी चाहिए.
Babe, wake up! There's a new scam in the market. pic.twitter.com/UO4zrJgiUa
— jolad rotti (@AJayAWhy) April 16, 2024
जोलाड रोट्टी नामक व्यक्ति ने शेयर किया पोस्ट
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस पोस्ट को शेयर करते हुए जोलाड रोट्टी नाम के यूजर ने लिखा, "बेब, उठो! बाजार में एक नया घोटाला है." जिसके बाद, यह ट्वीट वायरल हो गया है जिससे ऑनलाइन विवाद पैदा हो गया है. वहीं आगे कमेंट सेक्शन में उसी यूजर ने लिखा, "आप पेड़ों को गले लगाकर और उनकी छाया के नीचे समय बिताकर प्रकृति से जुड़ते हैं. यह सब अच्छा है, लेकिन यह सार्वजनिक स्वामित्व वाली जगह पर 1,500 रुपये के भारी शुल्क पर हो रहा है." इसके आलवा एक यूजर ने कॉमेंट्स किया, "सबसे अच्छा होगा पार्क में जाना, आसपास गंदगी न फैलाना और कचरे को कूड़ेदान में ठीक से निपटाना.