Afghanistan Embassy: भारत में अफगानिस्तान ने किया अपना दूतावास बंद, कहा- भारत से नहीं मिल रहा समर्थन

अफगानिस्तान की एंबेसी का नेतृत्व राजदूत फरीद मामुन्दजई कर रहे थे. वह पिछले तीन सालों से भारत में सेवा दे रहे थे. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और उसके नागरिकों को ध्यान में रखकर कोई काम नहीं किया गया.

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Afghanistan Embassy: अफगानिस्तान के दूतावास ने भारत में काम करना बंद कर दिया है, अपने आधिकारिक बयान में कहा कि भारत सरकार से समर्थन में कमी और अफगानिस्तान की पूर्ति और अपेक्षा को पूरा नहीं कर पा रही है. दूतावास को वर्तमान सरकार से कोई समर्थन नहीं मिल रहा है, जिसके कारण हमें यह दूतावास बंद करना पड़ रहा है. 

दूतावास बंद करने पर अफगानिस्तान ने जताया दुख 

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि भारत सरकार से समर्थन नहीं मिलने पर दूतावास बंद करने की घोषणा की जा रही है. यह फैसला खेदजनक होने के साथ भारत सरकार से ऐतिहासिक संबंधों और दीर्घकालिक साझेदारी को ध्यान में रखकर विचार-विमर्श करके फैसला लिया गया है. 

भारत में अफगान एंबेसी का नेतृत्व फरीद मामुन्दजई के पास

बता दें कि इंडिया में अफगानिस्तान की एंबेसी का नेतृत्व राजदूत फरीद मामुन्दजई कर रहे थे. वह पिछले तीन सालों से भारत में सेवा दे रहे थे. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और उसके नागरिकों को ध्यान में रखकर कोई काम नहीं किया गया. अफगानिस्तान ने हाल ही में अपने बयान में कहा था कि वह भारत में दूतावास बंद करने जा रहा है. लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया. इसके बाद ही अफगानिस्तान ने दूतावास को बंद करने की घोषणा की है.

कई राजदूत अमेरिका और यूरोप चले गए  

दूतावास के तीन अधिकारियों ने समाचार एजेंसी रायटर्स को शुक्रवार को बताया कि यह घटनाक्रम अफगान दूतावास के राजदूत और अन्य वरिष्ठ राजनयिकों के भारत छोड़कर अमेरिका और यूरोप चले जाने पर हुआ है. जिसके बाद अधिकारियों की कमी हो गई थी. अब तक करीब पांच राजदूत भारत छोड़ चुके हैं, हालांकि अफगानी सरकार ने भारत सरकार से दूतावास परिसर में झंडा लगे रहने की मांग की है. 

अगस्त 2021 में आई थी तालिबानियों की सरकार 

भारत में अफगानिस्तान दूतावास में राजदूत फरीद मामुन्दजई ही नेतृत्व कर रहे थे, उन्हें अशरफ गनी सरकार ने नियुक्त किया था और अगस्त 2021 में तालिबानियों की सत्ता आने के बाद भी वह दूतावास में बने हुए थे. हालांकि भारत ने अभी तक तालिबानियों को आधिकारिक रूप से सरकार का दर्ज नहीं दिया. भारत लगातार काबुल में समावेशी सरकार की वकालत करता रहा है. साथ ही इस बात पर जोर दिया गया कि अफगानिस्तान की धरती किसी भी आतंकवाद के लिए उपयोग नहीं किया जाए.  First Updated : Sunday, 01 October 2023