PM Modi: संसद सत्र के दूसरे दिन यानि मंगलवार को भी पहले दिन की ही तरह लोकसभा में सियासी घमासान देखने को मिला. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस पर जोरदार निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी दलित और पिछड़ा विरोधी है. उसका इतिहास ऐसी दलित विरोधी घटनाओं से अटा पड़ा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और बाबा साहेब अंबेडकर का भी जिक्र किया. पीएम ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू की कैबिनेट से तत्कालीन कानून मंत्री बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के इस्तीफा दिए जाने के पीछे की वजह दलितों की उपेक्षा थी.
पीएम मोदी ने आगे कहा, "बाबा साहब ने नेहरू कैबिनेट से इस्तीफा देते समय जो वजह बताई थी, वह इनकी मानसिकता को दिखाती हैं. बाबासाहब ने कहा था कि अनुसूचित जातियों की उपेक्षा के कारण अपने आक्रोश को रोक नहीं सका. नेहरू जी ने बाबा साहब का राजनीतिक जीवन खत्म करने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी. पहले षड्यंत्र पूर्वक चुनाव में हरवाया गया. इतना ही नहीं, इस पराजय का जश्न मनाया गया." इस दौरान पीएम ने नेहरू के बाद लंबे समय तक सत्ता में रहीं उनकी बेटी और भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इंदिरा गांधी भी दलित विरोधी थीं.
इस दौरान पीएम मोदी ने सदन में बोलते हुए आपातकाल का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आपातकाल के समय बिहार के बड़े दलित नेता जगजीवन राम के प्रधानमंत्री बनने की संभावना थी लेकिन इंदिरा गांधी ने उन्हें किसी भी कीमत पर पीएम नहीं बनने दिया. मोदी ने आगे कहा, "एक किताब में लिखा है कि अगर जगजीवन राम पीएम बन गए तो वे हटेंगे नहीं." वहीं पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने चौधरी चरण सिंह के साथ भी यही व्यवहार किया था, साथ ही बिहार के ही पिछड़े समुदाय के नेता रहे सीताराम केसरी के साथ भी ऐसा ही अपमानजनक व्यवहार किया गया था, जबकि केसरी कांग्रेस के अध्यक्ष थे.
पीएम ने आगे कहा कि कांग्रेस आरक्षण विरोधी रही है. उसने मंडल कमीशन की रिपोर्ट लंबे समय तक दबा रखी थी लेकिन वीपी सिंह की सरकार ने उसे लागू किया. इसका जिक्र करते हुए मोदी ने इंदिरा और राजीव गांधी दोनों पर निशाना साधा. First Updated : Tuesday, 02 July 2024