आखिर चुनाव से पहले क्यों महबूबा मुफ्ती की तारीफ में कसीदे पढ़ने लगे उमर अब्दुल्ला

Omar Abdullah: इंजीनियर राशिद को अंतरिम जमानत मिलने पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) प्रमुखइंजीनियर राशिद को दी गई जमानत पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि राशिद की जमानत कश्मीर के लोगों की सेवा करने के बजाय उनसे वोट प्राप्त करने का एक स्पष्ट प्रयास है.

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Omar Abdullah: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इंजीनियर राशिद को आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दे दी है. उन्हें 2 अक्टूबर 2024 तक के लिए जमानत मिली है. इंजीनियर राशिद ने 3 महीने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी. उनकी नियमित जमानत याचिका पर अभी फैसला लंबित है. इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) प्रमुखइंजीनियर राशिद को दी गई जमानत पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब्दुल्ला ने कहा कि राशिद की जमानत कश्मीर के लोगों की सेवा करने के बजाय उनसे 'वोट प्राप्त करने' का एक स्पष्ट प्रयास है. उमर अब्दुल्ला, जो दो प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों गांदरबल और बडगाम से आगामी चुनाव लड़ रहे हैं, उन्होंने चेतावनी दी कि यह कदम एआईपी जैसे छोटे दलों के समर्थन से सरकार बनाने की भाजपा की बड़ी योजना का हिस्सा है. 

महबूबा मुफ्ती के तारीफ में पढ़े कसीदे 

उमर अब्दुल्ला ने रशीद की जमानत के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसका उद्देश्य चुनाव से पहले मतदाताओं को प्रभावित करना है.

उन्होंने महबूबा मुफ्ती के इस रुख पर भी प्रकाश डाला कि रशीद भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं. इस बीच अब्दुल्ला ने  मतदाताओं से अपने वोट न बांटने की अपील की और चेतावनी दी कि इससे केवल भाजपा को अपने लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी. 

 

कौन है इंजीनियर राशिद?

इंजीनियर राशिद, जिनका असली नाम शेख अब्दुल राशिद है उन्होंने हाल ही में लोकसभा चुनावों में बारामुला से जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था. निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उनकी जीत महत्वपूर्ण रही थी. अब उनकी पार्टी, अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी), आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में भाग ले रही है. उनके बेटे अबरार राशिद ने भी चुनावी अभियान की जिम्मेदारी संभाल रखी है और उन्होंने पिता के लिए प्रचार किया था.

इस वजह से जेल में हैं राशिद 

इंजीनियर राशिद 2019 से जेल में बंद हैं. उन्हें 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में एनआईए ने गिरफ्तार किया था. इस मामले में उनका नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली की जांच के दौरान आया था, जो आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित तौर पर फंडिंग करने के आरोप में गिरफ्तार हुआ था. एनआईए ने इस मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत कई आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. यासीन मलिक को दोषी ठहराए जाने के बाद 2022 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

First Updated : Tuesday, 10 September 2024