आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट ने रेवंत रेड्डी को लगाई फटकार जानें पूरा मामला

Revanth Reddy: सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को फटकार लगाई है. कोर्ट ने यह कमेंट्स उस समय किया जब कोर्ट 2015 के कैश-फॉर-वोट घोटाला मामले, जिसमें रेड्डी एक आरोपी हैं, की सुनवाई तेलंगाना से भोपाल ट्रांसफर  करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. कोर्ट ने रेड्डी को यह फटकार इसलिए लगाई क्योंकि उन्होंने बीआरएस नेता के कविता की जमानत पर सवाल खड़े किए थे.

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Supreme Court Reprimanded Revanth Reddy: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को फटकार लगाई है. कोर्ट ने यह फटकार दिल्ली आबकारी नीति मामले में बीआरएस नेता के कविता को जमानत दिए जाने पर  टिप्पणी करने पर लगाई है. रेवंत रेड्डी ने पहले भी कविता को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने की गति पर सवाल उठाए थे. रेड्डी ने कहा, 'दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने में 15 महीने लग गए और यहां तक कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी अभी तक इंतजार कर रहे हैं. फिर भी, कविता सिर्फ पांच महीने में जमानत हासिल करने में कामयाब रहीं.

इससे भाजपा के पर्दे के पीछे से समर्थन की संभावना पर सवाल उठता है.' ऐसे में जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस के.वी. विश्वनाथन और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बैंच ने रेड्डी की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस गवई ने मुख्यमंत्री का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर वकील मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा की ओर इशारा करते हुए कहा, 'आपने जो बयान दिया, उसे देखिए. क्या आपने आज सुबह जो कहा, उसे पढ़ा है?  बस इतना पढ़िए, कि उन्होंने क्या कहा. एक जिम्मेदार मुख्यमंत्री का यह कैसा बयान है? इससे लोगों के मन में आशंकाएं पैदा हो सकती हैं.  क्या एक मुख्यमंत्री को ऐसा बयान देना चाहिए? संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति इस तरह से बोल रहे हैं?'

कोर्ट ने उठाए ये सवाल?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में उन्हें कोर्ट  को क्यों घसीटना चाहिए? क्या हम राजनीतिक दलों से सलाह-मशविरा करके आदेश पारित करते हैं? हमें राजनीतिक नेताओं या किसी अन्य द्वारा हमारे फैसलों की आलोचना करने से कोई परेशानी नहीं होती.  हम अपने विवेक और शपथ के अनुसार अपना कर्तव्य निभाते हैं.'  यह टिप्पणी उस समय की गई जब कोर्ट 2015 के कैश-फॉर-वोट घोटाला मामले, जिसमें रेड्डी एक आरोपी हैं, की सुनवाई तेलंगाना से भोपाल ट्रांसफर  करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. 

के कविता की जमानत पर क्या बोले रेड्डी? 

दरअसल, रेड्डी ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि विधान परिषद सदस्य कविता को पांच महीने में जमानत मिलने पर संदेह है, जबकि मनीष सिसोदिया को 15 महीने बाद जमानत मिली और अरविंद केजरीवाल को अब तक जमानत नहीं मिली है.  उन्होंने आरोप लगाया, 'यह सच है कि बीआरएस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत के लिए काम किया.  ऐसी भी चर्चा है कि कविता को बीआरएस और भाजपा के बीच समझौते के कारण जमानत मिली.'

कोर्ट ने दी ये सलाह 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि  संस्थाओं के प्रति परस्पर सम्मान रखना बुनियादी कर्तव्य है और एक दूसरे के क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. बेंच  ने कहा, 'हम हमेशा कहते हैं कि हम विधायिका में हस्तक्षेप नहीं करेंगे, तो उनसे भी यही अपेक्षा की जाती है.  क्या हम राजनीतिक विचारों के आधार पर आदेश पारित करते हैं?'  बेंच  में जस्टिस  पी के मिश्रा और जस्टिस  के वी विश्वनाथन भी शामिल हैं.   First Updated : Thursday, 29 August 2024