Badrinath by-election result: अयोध्या के बाद बद्रीनाथ भी हारी बीजेपी, उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार ने मारी बाजी

Uttarakhand By-Election Results 2024: अयोध्या के बाद अब बद्रीनाथ में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. यहां उपचुनाव में बीजेपी को करारी हार मिली है. कांग्रेस के लखपत बुटोला ने बीजेपी के राजेंद्र भंडारी को 5224 वोटों से हराया है. वहीं दूसरी ओर एक और सीट मैंगलोर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं. यहां कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन 31727 वोटों से जीत गए हैं.

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Uttarakhand By-Election Results 2024: अयोध्या के बाद अब बद्रीनाथ में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. यहां उपचुनाव में बीजेपी को करारी हार मिली है. कांग्रेस के लखपत बुटोला ने बीजेपी के राजेंद्र भंडारी को 5224 वोटों से हराया है. वहीं दूसरी ओर एक और सीट मैंगलोर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं. यहां कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन 31727 वोटों से जीत गए हैं. जीत के बाद कांग्रेसी जश्न में शामिल हो गए हैं.

अयोध्या के बाद बद्रीनाथ सीट पर बीजेपी की हार के कई मायने निकाले जा रहे हैं. मैंगलोर सीट कभी भी बीजेपी के पास नहीं थी, लेकिन बद्रीनाथ सीट खास थी. राज्य में दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे सामने आने से बीजेपी को झटका लगा है. मैंगलोर के साथ-साथ बीजेपी बद्रीनाथ सीट भी हार गई. मैंगलोर सीट पर बीजेपी ने करतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा, लेकिन भड़ाना कांग्रेस उम्मीदवार काजी मोहम्मद निजामुद्दीन से हार गए. बद्रीनाथ में बीजेपी ने राजेंद्र भंडारी पर भरोसा किया था, लेकिन भंडारी कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला से हार गए.

उपचुनाव में कांग्रेस ने खुद पर किया भरोसा

बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने खुद पर भरोसा किया था. पार्टी ने दोनों सीटों पर ऐसे चेहरों को मैदान में उतारा है जो लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा ने जिन दोनों चेहरों पर दांव लगाया था, वे उसके ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर का हिस्सा नहीं थे.

कांग्रेस के  लखपत सिंह बुटोला ने मारी बाजी

बद्रीनाथ सीट पर बीजेपी उम्मीदवार को हराने वाले 49 वर्षीय लखपत सिंह बुटोला पिछले दो दशकों से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं. उन्होंने 2011 में कांग्रेस के राज्य मीडिया प्रभारी, राज्य प्रवक्ता और थाला, पोखरी से जिला पंचायत सदस्य का पद संभाला. 2015 में थोड़े समय के लिए चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यभार भी संभाला.

बीजेपी ने दूसरी पार्टी से आए उम्मीदवारों पर किया भरोसा

जबकि बीजेपी ने उन चेहरों को टिकट दिया है जो लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टियां छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. यही वजह है कि कांग्रेस उन्हें आयातित उम्मीदवार कहकर बीजेपी का मजाक उड़ाती रही. इसके अलावा मंगलौर विधानसभा सीट बसपा का गढ़ रही है. राज्य गठन के बाद से अब तक हुए पांच विधानसभा चुनावों में बसपा ने चार बार, जबकि कांग्रेस ने एक बार यह सीट जीती.

मैंगलोर सीट भी हारी बीजेपी

मैंगलोर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार को हराने वाले काजी मोहम्मद निज़ामुद्दीन ने 2002 और 2007 का विधानसभा चुनाव यहां से बीएसपी के टिकट पर जीता था. कांग्रेस में शामिल होने के बाद, काजी ने 2012 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा, लेकिन बसपा उम्मीदवार सरावत करीम अंसारी से लगभग 700 वोटों के अंतर से हार गए, लेकिन आज उन्होंने जीत दर्ज की. First Updated : Saturday, 13 July 2024