वाह री पुलिस! कुछ नहीं कर पाई तो गणपति को किया 'गिरफ्तार', कर्नाटक से महाराष्ट्र तक सियासत

Karnataka News: कर्नाटक में गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान विवाद हो गया. जुलूस में पथराव के बाद माहौल बिगड़ गया और लोग विरोध पर उतर आए. लोगों में इस बात का ज्यादा गुस्सा है कि पुलिस ने मूर्ति को जब्त कर लिया है. इसे लेकर अब सियासत भी तेज होने लगी है.

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Edited By: JBT Desk

Karnataka News: कर्नाटक में गणेश प्रतिमा विसर्जन के जुलूस के दौरान हुए पथराव के बाद पुलिस द्वारा मूर्ति जब्त किए जाने की घटना ने पूरे हिंदू समुदाय में आक्रोश फैला दिया है. यह पहली बार हुआ है जब किसी धार्मिक आयोजन के दौरान भगवान की मूर्ति को जब्त किया गया हो. कर्नाटक और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में भारी नाराजगी देखी जा रही है. इस घटना ने कर्नाटक में राजनीतिक माहौल गरम हो गया है. इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं कि किसी धार्मिक प्रतिमा को इस तरह जब्त किया जाना क्यों जरूरी था?

गणेश उत्सव के दौरान हुई इस घटना ने हिंदू समुदाय के धार्मिक भावनाओं को गहराई से आहत किया है. कर्नाटक और महाराष्ट्र में उठ रहे विरोध ने इस विवाद को और भी अधिक बढ़ा दिया है. धार्मिक आयोजनों में इस तरह की घटनाएं और राजनीतिक हस्तक्षेप ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के साथ ही समाज में तनाव भी बढ़ता है.

विरोध बढ़ा, सियासत गरमाई

कर्नाटक में ये मामला सामने आने के बाद हिंदुओं में विरोध बढ़ गया है. लोग लगातार सरकार और पुलिस का विरोध कर रहे हैं. इसके साथ ही मामले की NIA से जांच की मांग हो रही है. दूसरी ओर कर्नाटक सरकार को घेरने की भी कोशिश शुरू हो गई है.

PM मोदी के मामले में BJP

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान गणेश की आरती में भाग लिया, जिसे लेकर कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी ने आलोचना की थी. इस बीच, बीजेपी ने कांग्रेस को यह याद दिलाया कि 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इफ्तार पार्टी की मेजबानी की थी, जिसमें मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने भी भाग लिया था. शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने इफ्तार पार्टियों पर कांग्रेस के रुख पर निशाना साधा है.

शरद पवार और संभाजी ब्रिगेड की आलोचना

हाल ही में संभाजी ब्रिगेड की सालगिरह के अवसर पर एक कार्यक्रम में शरद पवार और कांग्रेस सांसद शाहू महाराज की मौजूदगी में हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई. इसके बाद आरोप लगाया गया कि इस दौरान शरद पवार और शाहू महाराज ताली बजा रहे थे. इसी कारण वो निशाने पर आ रहे हैं. हालांकि, उन्होंने विवाद को बढ़ता देख लालबाग पहुंचकर उसे लाइट करने की कोशिश की है.

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17 September 2024, 11:15 AM IST

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