Assembly Elections 2023: पांचों राज्यों में विधानसभा नतीजें आने के बाद CM चेहरों पर लोकसभा चुनाव से पहले पढ़ें पीएम मोदी का पूरा समीकरण?
Assembly Elections 2023: इस साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनावों के पांचों राज्यों में नतीजों के बाद अब सभी राज्यों को नया निर्वाचित मुख्यमंत्री मिल गया है.
Assembly Elections 2023: इस साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनावों के पांचों राज्यों में नतीजों के बाद अब सभी राज्यों को नया निर्वाचित मुख्यमंत्री मिल गया है. वहीं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल शूरू हो चुका है. राजस्थान में भी फिलहाल मुख्यमंत्री का ऐलान हो गया लेकिन शपथ ग्रहण समारोह 15 दिसंबर को होना है.
किसे कहां कौन मिला CM
भारतीय जानता पार्टी ने मध्य प्रदेश में मोहन यादव, छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय, राजस्थान में भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री चुन लिया है. उधर तेलंगाना में कांग्रेस ने रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री का कार्यभार की कमान सौंप दी है. साथ ही मिजोरम की बात करें तो वहां जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) के मुख्य लालदुहोमा को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दे दी है.
लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने खेला दाव?
साल 2024 में लोकसभा चुनाव के तौर में इस साल का विधानसभा चुनाव सेमीफाइनल के रूप में देखा गया. अब विधानसभा राज्यों में चुनावी नतीजें आने के बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री के रुप में एक बड़ा दांव खेला हैं, जिसमें उन्होंने तीनों राज्यों मे एक नए चेहरे को जिम्मेदारी दी है. इस बीच कयास लगाया जा रहा है कि पीएम मोदी का यह लोकसभा चुनाव में एक एंजेड़ा है. जिसमें उन्होंने हर वर्ग के वोट की पकड़ मजबूत बनाने के लिए दाव खेला है.
BJP ने तीनों राज्यों में क्यों दिए 2-2 डिप्टी सीएम
साल 2024 लोकसभा चुनाव को देखते हुए अब सभी पार्टियों ने कमर कसना शुरू कर दिया है. अगर तीनों राज्यों को मिलाकर देखा जाए तो भाजपा हर वर्ग के लोगों को कुछ न कुछ जिम्मेदारी दी है. इसके अलावा हर राज्य में दो- दो उप- मुख्यमंत्री का भी ऐलान कर दिया है.
MP में OBC, छत्तीसगढ़ में आदिवासी, राजस्थान में ब्राह्मण
इस तीनों राज्यों में अगर लोकसभा चुनाव के तहत देंखे तो भाजपा ने मध्य प्रदेश में काग्रेस के OBC के सवाल उठाए जाने पर उनके लिए जवाब व ओबीसी वोटर्स को हथियाने के लिए, छत्तीसगढ़ की बात करें तो आदिवासी वोटर्स से एक पकड़ बनाने के लिए, छत्तीसगढ़ में आदिवासी की आबादी 30 प्रतिशत है वहीं अगर राजस्थान की बात करें तो 30 साल बाद किसी ब्राह्मण को मौका मिला है.