जामा मस्जिद से आतंकवाद के खिलाफ बुलंद हुई आवाज, पाकिस्तान को कड़ा संदेश
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के खिलाफ पूरे देश में गुस्से की लहर है. शुक्रवार को दिल्ली की प्रख्यात जामा मस्जिद की सीढ़ियों से पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया गया.

पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस निर्मम घटना के विरोध में देश के कोने-कोने से गुस्से की आवाज़ें उठ रही हैं. दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद भी शुक्रवार को इस विरोध का गवाह बनी, जहां जुमे की नमाज के बाद सैकड़ों मुसलमानों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर विरोध जताया और पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी.
जामा मस्जिद की सीढ़ियों से गूंजी आवाज
प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तिरंगा और 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' जैसे नारे लिखे पोस्टर लेकर यह स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ देश एकजुट है. लोगों ने कहा कि पाकिस्तान केवल हिंदुओं का नहीं, बल्कि भारतीय मुसलमानों का भी दुश्मन है. जामा मस्जिद की सीढ़ियों से गूंजते स्वर में यह बात दोहराई गई कि भारत के मुसलमान अपने देश के लिए किसी भी कुर्बानी से पीछे नहीं हटेंगे.
वक्ताओं ने कहा कि जो भारत पर बुरी नजर डालेगा, उसका विरोध करने के लिए सबसे पहले मुसलमान ही आगे आएंगे. आतंकवाद को इस देश की मिट्टी में पनपने नहीं देंगे. साथ ही, सरकार से भी मांग की गई कि वह आतंक के खिलाफ सख्त और निर्णायक कदम उठाए.
26 निर्दोष लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना
जामा मस्जिद से यह भी संदेश दिया गया कि भारत का हर नागरिक चाहे वह हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख या ईसाई आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है. लोगों ने पहलगाम हमले में शहीद हुए 26 निर्दोष लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और उन्हें न्याय दिलाने की मांग की.
प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि आतंक की आड़ में कुछ ताकतें समाज में नफरत फैलाना चाहती हैं, लेकिन भारत की जनता उनके मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने देगी. आजादी की लड़ाई की तरह अब आतंकवाद के खिलाफ भी पूरा देश एकजुट होकर मुकाबला करेगा.


