पहलगाम आतंकी हमला: भारत सरकार के अल्टीमेटम के बाद 105 भारतीय वापस लौटे, 28 पाकिस्तानी वापस गए
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित पहलगाम के पास मंगलवार दोपहर एक खुले मैदान में आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी. इस हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे. हमले में कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए कई अहम फैसले लिए हैं. अटारी-वाघा एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) को बंद कर दिया गया है. हालांकि, बॉर्डर पर अलग-अलग तरफ से सीमित समारोह हुए. पंजाब पुलिस के प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण महल ने बताया कि भारत ने सीमा पर गेट बंद रखे, लेकिन 28 पाकिस्तानी नागरिकों को उनके देश वापस भेजा गया, जबकि 105 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से भारत लौटे.
महल ने बताया कि भारत सरकार द्वारा सख्त निर्णय लिए गए हैं. अटारी सीमा पर गेट नहीं खोले गए और सीमित परेड की गई. इसका असर पर्यटकों की संख्या पर भी पड़ा है.
कमांडरों के बीच प्रतीकात्मक हाथ मिलाने की परंपरा स्थगित
इस बीच, सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने पंजाब के अटारी, हुसैनीवाला और सादकी बॉर्डर पर होने वाले रिट्रीट समारोह में बदलाव की घोषणा की है. बीएसएफ के अनुसार, अब भारतीय और पाकिस्तानी कमांडरों के बीच प्रतीकात्मक हाथ मिलाने की परंपरा स्थगित कर दी गई है और समारोह के दौरान बॉर्डर गेट्स बंद ही रहेंगे.
26 लोगों की मौत
22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था. यह हमला पुलवामा (2019) के बाद घाटी में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है. हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों का समर्थन देने के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए जवाबी कार्रवाई की शुरुआत कर दी है.
पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा 27 अप्रैल से रद्द
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक में सिंधु जल संधि को स्थगित करने और अटारी ICP को बंद करने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा, पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को निष्कासित कर दिया गया है और सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा 27 अप्रैल से रद्द कर दिए गए हैं. उन्हें 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है.


