पाकिस्तान में आज यानी 8 फरवरी को देश के लिए आम चुनाव के साथ ही 4 राज्यों में भी चुनाव हुए. इस चुनाव में पाकिस्तान के कई हिस्सों में हिंसा देखने के लिए मिली है. दोपहर में खैबर पख्तूनख्वा के डेरा इस्माइल खान जिले के कुलाची में पुलिस मोबाइल वैन पर बड़ा आतंकी हमला हुआ. वहीं इस बारे के चुनाव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई खासा असर डाल रहा है. एआई की मदद से बनाई गई भ्रामक वीडियो से मतदाताओं में भ्रम पैदा किया जा रहा है. वीडियो में जेल में बंद पूर्व पाक प्रधानमंत्री इमरान खान मतदाताओं को चुनावी रैली करते और भाषण देते हुए नजर आये. एआई से तैयार वीडियो को देखकर मतदाताओं में भ्रम है कि चुनाव से बाहर की गई पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ मैदान में है. ये कैसे संभव हो गया. साथ ही जेल में बंद इमरान खान चुनावी रैलियों में भाषण कैसे दे रहे हैं.
2024 के आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का खूब इस्तेमाल किया. इनमें इमरान खान को जेल की कोठरी से भाषण देते हुए दिखाया गया. इमरान अपने भाषण में समर्थकों से मतदान करने का अनुरोध करते हुए नजर आ रहे हैं. इमरान की पार्टी ने इस बार सोशल मीडिया पर ऑनलाइन रैलियां की हैं. पाकिस्तान के न्यूज चैनल के जियो टीवी के अनुसार, ऑनलाइन रैलियों को एक साथ लाखों लोगों ने देखा है.
पाटीआई के सोाल मीडिया प्रभारी जिब्रान इलियास ने मीडिया को बताया कि इमरान खान वर्चुअल रैलियों के जरिये ही आम मतदाता तक पहुंच सकते थे. समय और जरूरत दोनों को देखते हुए यह प्रयास किया गया है. 17 दिसंबर 2023 को उनकी पार्टी पीटीआई ने स्ट्रीमयार्ड की मदद से वर्चुअल रैली की थी. इस रैली को 50 लाख लोगों ने देखा था.
पार्टी के प्रवक्ता ने बताया कि इमरान खान के ऑडियो क्लिप बनाने के लिए भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया गया. इस सामग्री को वर्चुएल रैलियों में दिखाया गया. इस तरह से इमरान खान की पार्टी ने पाकिस्तान के आम चुनावों में भ्रम के हालात बनाने के लिए एआई का जमकर इस्तेमाल किया.
इमरान खान वीडियो में यह कहते दिख रहे हैं कि उनकी पार्टी पीटीआई को चुनावी रैलियां करने से रोका गया है. पार्टी के सदस्यों और पदाधिकारियों को साजिश के तहत निशाना बनाया जा रहा है. कुछ पार्टी मेंबर्स का अपहरण किया गया तो कुछ का मनोबल तोड़ने का काम किया गया. इलियास ने बताया कि ये वीडियो जेल में बंद इमरान खान की ओर से उपलब्ध कराए गए नोट्स पर आधारित है. उनके मुताबिक, एआई जेनेरेटेड वाइस पूर्व प्रधानमंत्री की आवाज से 70 फीसदी तक मेल खाती है.
पाकिस्तान के आम चुनाव में एआई और डीप फेक्स का जिस तरह से इस्तेमाल हो रहा है, वह भारत, अमेरिका, रूस और इंडोनेशिया समेत कई देशों के लिए चिंता का विषय बन गया है. भारत में इसी साल आम चुनाव हैं. ऐसे में खतरा लगातार बना हुआ है कि AI और डीप फेक के जरिए कोई बड़ी गड़बड़ी न हो, जिससे देश में चुनाव प्रभावित हो जाएं. भारत में पीएम मोदी और रश्मिका मंदाना समेत अन्य बड़ी हस्तियों के डीप फेक वीडियो बन चुके हैं, जिसको लेकर खतरा और भी अधिक महसूस किया जा सकता है.
AI का अगर लगत इस्तेमाल किया गया तो चुनाव में यह खतरा नहीं बल्कि बहुत बड़ा खतरा बन सकता है. इसके जरिए कितना गंभीर काम हो सकता और उसका असर किस तरह का होगा इस विषय पर सोचने पर इंसान परेशान हो जाता है. AI के खतरों को कैसे निपटा जाए इस पर योजना बनाने की जरूरत है. First Updated : Thursday, 08 February 2024