वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ AIMPLB का आंदोलन, सरकार से निरस्त करने की मांग
AIMPLB ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है. बोर्ड का कहना है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कानून पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाता. प्रदर्शन, गोलमेज चर्चाएं और प्रतीकात्मक गिरफ्तारियों के जरिए विरोध होगा. क्या वक्फ विधेयक सच में मुस्लिम विरोधी है? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें!

Waqf Amendment Bill: देश में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से जुड़े वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. शनिवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने ऐलान किया कि वे इस विधेयक को निरस्त करने तक देशभर में आंदोलन करेंगे. बोर्ड का कहना है कि यह आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से किया जाएगा और सभी धार्मिक, सामाजिक संगठनों को इस अभियान में शामिल किया जाएगा.
विधेयक के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान
AIMPLB ने अपने बयान में कहा कि उनका यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक वक्फ (संशोधन) विधेयक को पूरी तरह से निरस्त नहीं कर दिया जाता. बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि वे इस आंदोलन के दौरान सभी शांतिपूर्ण तरीके अपनाएंगे, जैसे विरोध प्रदर्शन, काली पट्टी बांधकर प्रतीकात्मक विरोध, गोलमेज बैठकें, और प्रेस कॉन्फ्रेंस. इसके अलावा, राज्य की राजधानियों में मुस्लिम नेता प्रतीकात्मक गिरफ्तारियां देंगे और जिलों में विरोध प्रदर्शन होंगे. इन विरोध प्रदर्शनों के समापन के बाद राष्ट्रपति और केंद्रीय गृह मंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा.
आंदोलन के पहले चरण की घोषणा
इस आंदोलन का पहला चरण 'वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ' थीम के तहत मनाया जाएगा, जो एक शुक्रवार से लेकर अगले शुक्रवार तक चलेगा. इस दौरान विभिन्न पहल की जाएंगी, जिसमें मुख्य रूप से सह-नागरिकों के साथ गोलमेज चर्चा आयोजित करने पर जोर दिया जाएगा. AIMPLB का कहना है कि इस तरह की बैठकों का उद्देश्य सरकार और सांप्रदायिक तत्वों द्वारा फैलाई जा रही गलत सूचनाओं और झूठे आरोपों का मुकाबला करना है.
विरोध का आगाज़ दिल्ली से
यह आंदोलन दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक भव्य जनसभा से शुरू होगा, और इसके बाद अन्य बड़े शहरों जैसे मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, पटना, रांची, लखनऊ, आदि में बड़े पैमाने पर विरोध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. यह अभियान जून में ईद-उल-अज़हा तक जारी रहेगा, और फिर अगले चरण का फैसला लिया जाएगा.
विधेयक पर AIMPLB की चिंता
AIIMPB का कहना है कि वे इस विधेयक को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देंगे, साथ ही विधेयक के खिलाफ पूरी दुनिया में आवाज उठाने के लिए तैयार हैं. उनका कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है और इसे संविधान की भावना के खिलाफ माना जाता है. इसके अलावा, बोर्ड ने यह भी अपील की है कि सभी मुसलमान, विशेषकर युवा, संयम बरतें और किसी भी प्रकार की भावनात्मक प्रतिक्रिया से बचें, ताकि सांप्रदायिक ताकतों को कोई अवसर न मिल सके.
संविधान और वक्फ संस्थानों के प्रति न्याय की उम्मीद
AIMPLB ने अपने बयान में इस बात को स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन एक संघर्ष है, जो संविधान और वक्फ संस्थानों की रक्षा के लिए किया जाएगा. बोर्ड का कहना है कि वे इस मामले में किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटेंगे और हर कदम पर न्याय की लड़ाई लड़ेंगे. साथ ही, वे देशभर के अन्य नागरिकों से भी समर्थन की अपील कर रहे हैं, ताकि इस आंदोलन को और अधिक ताकत मिले और इसे एक सफल पहल बनाया जा सके.
विधेयक पर संसद का समर्थन और विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस विधेयक को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल चुकी है. लोकसभा में विधेयक को 288 मत मिले, जबकि 232 सदस्यों ने विरोध किया. इसके बाद, राज्यसभा में भी इस विधेयक को 128 मतों से पारित किया गया. हालांकि विपक्षी दलों ने इसे 'मुस्लिम विरोधी' और 'संवैधानिक' के खिलाफ करार दिया है. सरकार का कहना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के कल्याण और समाज में सुधार के लिए एक ऐतिहासिक कदम है.