फर्जी मनी लॉन्ड्रिंग केस में एयर होस्टेस से 10 लाख रुपये ठगे, डिजिटल धोखाधड़ी का नया तरीका!
Cyber Crime: एक एयर होस्टेस से धोखेबाजों ने मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप में फंसाकर 10 लाख रुपये ठग लिए! उन्हें गिरफ्तारी से बचने के लिए फर्जी तरीके से पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया गया. क्या यह डिजिटल धोखाधड़ी की नई चाल है? जानें पूरी कहानी और कैसे यह महिला धोखा खा गई.
Cyber Crime: आजकल डिजिटल धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और ऐसी ही एक घटना सामने आई है महाराष्ट्र के कल्याण से, जहां एक 24 वर्षीय एयर होस्टेस को धोखेबाजों ने एक फर्जी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाकर 10 लाख रुपये ठग लिए। यह घटना डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले का हिस्सा है, जिसे देखना वाकई चिंताजनक है। आइए जानते हैं पूरी कहानी।
कैसे हुई धोखाधड़ी?
यह मामला नवंबर 2023 का है, जब ठाणे की रहने वाली एक एयर होस्टेस को अज्ञात नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने दावा किया कि उसका भेजा हुआ पार्सल ईरान में अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाया। महिला ने यह कहते हुए इसका खंडन किया कि उसने कोई पार्सल नहीं भेजा है, लेकिन फोन करने वाले ने उसे घेर लिया और वीडियो कॉल के जरिए उसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसने की धमकी दी।
धोखेबाज ने महिला को यह विश्वास दिलाया कि उसका नाम इस फर्जी मामले से जुड़ा है और पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए उसे तुरंत पैसे ट्रांसफर करने होंगे। महिला को डराकर कॉल करने वाले ने एक लिंक भी भेजा और फिर उसे 9.93 लाख रुपये ट्रांसफर करने के लिए मजबूर कर दिया। यह पूरी घटना महिला के लिए एक झटका थी क्योंकि उसे यह भी नहीं समझ आया कि वह किस जाल में फंस रही है।
पुलिस को जानकारी दी और जांच शुरू की
जब महिला को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है, तो उसने तुरंत पुलिस से मदद मांगी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई की और धोखेबाजों द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन नंबर का पता लगाया। यह नंबर विदेश से जुड़ा हुआ था, जो इस मामले को और भी जटिल बनाता है।
एफआईआर दर्ज, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है, लेकिन अब तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। यह घटना यह साबित करती है कि डिजिटल धोखाधड़ी अब न केवल आम लोगों बल्कि पेशेवर लोगों को भी अपना शिकार बना रही है, और इससे निपटने के लिए ज्यादा सतर्कता की जरूरत है।
इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या हम डिजिटल धोखाधड़ी के खतरे को सही से समझ पा रहे हैं? हमें इंटरनेट और फोन कॉल्स से आने वाले धोखेबाजों से कैसे बचना चाहिए, यह सवाल आज हर किसी के मन में उठता है। अगर आपको भी कभी ऐसी कोई संदिग्ध कॉल आए, तो सबसे पहले उस पर विश्वास न करें और तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
डिजिटल दुनिया में इस तरह की धोखाधड़ी की घटनाओं में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसलिए, सभी को चाहिए कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध लिंक या कॉल से दूर रहें। साथ ही, इस खबर से हमें यह भी सीखने को मिलता है कि हमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी और पैसों के लेन-देन को हमेशा सुरक्षित रखना चाहिए। अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करती है और धोखेबाजों को पकड़ने में कितनी सफलता हासिल होती है।