Air Pollution: आज सुबह दिल्ली में AQI पहुंचा 500 के पार, भारत में वायु प्रदूषण से हर साल होती हैं लाखों मौतें

Air Pollution: वायु प्रदूषण एक काफी खतरनाक बीमारी है जो काफी जल्दी लोगों के बीच फैलती है. दुनियाभर में लाखों और करोड़ों की संख्या में लोग इस महामारी के शिकार हो जाते हैं.

Shweta Bharti
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हाइलाइट

  • दिल्ली-एनसीआर में 6 दिनों तक जहरीली हवा से कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है.

Air Pollution: वायु प्रदूषण की समस्या लगातार फैल रही है. ऐसे में हर साल लाखों की संख्या में लोगों की मौतें हो जाती हैं. मौतों का आंकड़ा हर रोज बढ़ता ही जा रहा है. ‘द बीएमजे’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार बाहरी वायु प्रदूषण भारत में प्रति वर्ष 21 लाख 80 हजार लोगों की जिंदगी छीन लेता है. इस मामले में चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर है. तो वहीं दिल्ली के हालात काफी खराब होते हुए दिख रहे हैं. वहां भी हर रोज मौतों का आंकड़ा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है.

6 दिनों तक नहीं मिलेगी राहत की सांस

दिल्ली-एनसीआर में 6 दिनों तक जहरीली हवा से कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. शुक्रवार को दिल्ली का AQI वापस गंभीर श्रेणी तक पहुंच गया है. चौबीस घंटे के भीतर ही इसमें 108 अंकों की वृद्धि हो गई. 18 इलाकों की हवा तो गंभीर श्रेणी में पहुंच भी गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार को सुबह वायु गुणवत्ता का स्तर 500 के पार चला गया है. दिल्ली में प्रदूषण का कहर होने के साथ ही कोहरा भी छाया रहेगा.

जानकारियों के अनुसार बिजली उत्पादन और परिवहन में जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण दुनियाभर में प्रतिवर्ष 51 लाख लोगों की मौत होती है. इन मौतों को स्वच्छ एंव नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल करके कम किया जा सकता है.

 वहीं जर्मनी के मैक्स प्लैंक इस्टीट्यूट फार केमिस्ट्री के शोधकर्ताओं सहित टीम ने वायु प्रदूषण के सभी कारणों और विशेष तौर पर जीवाश्म ईंधन के कारण होने वाली मौतों का अनुमान लगाने और जीवाश्म ईंधन को स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से बदलने वाली नीतियों से संभावित स्वास्थ्य लाभों का आकलन करने को नए मॉडल का उपयोग किया.

भारत में लाखों लोगों की मौतें 

आपको बता दें कि वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतें दक्षिण और पूर्वी एशिया में सबसे अधिक थीं. प्रतिवर्ष चीन में 24.40 लाख और भारत में 21.80 लाख लोगों की वायु प्रदूषण से मौतें हुईं. इसमें से 30 प्रतिशत हृदय रोग, 16 प्रतिशत स्ट्रोक, 16 प्रतिशत फेफड़े की बीमारी और छह प्रतिशत मधुमेह से संबंधित थीं.

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01 December 2023, 07:26 AM IST

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