दिल्ली-NCR की हवा में आया सुधार, हटीं GRAP-III की पाबंदियां, जानें किन चीजों में दी गई ढील
Delhi air quality: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में सुधार के चलते वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने GRAP स्टेज-III प्रतिबंध हटा दिए हैं. बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध भी समाप्त कर दिया गया है. रविवार को दिल्ली का औसत AQI 335-339 दर्ज हुआ, और विशेषज्ञों के अनुसार, वायु गुणवत्ता में और सुधार संभव है. GRAP चरण-I और II के कुछ प्रतिबंध अभी भी लागू रहेंगे.
Delhi air quality: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में गिरावट के चलते वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने रविवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत स्टेज-III प्रतिबंधों को हटाने का ऐलान किया. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार के कारण अब बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल वाहनों पर लगा प्रतिबंध भी हटा लिया गया है.
दिल्ली में 24 घंटे का औसत AQI रविवार को शाम 4 बजे 339 और शाम 5 बजे 335 दर्ज किया गया. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह स्तर और बेहतर हो सकता है. हालांकि, GRAP के चरण-I और चरण-II के तहत कुछ प्रतिबंध अब भी लागू रहेंगे.
दिल्ली में प्रदूषण स्तर में गिरावट
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बताया कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और आईआईटी मद्रास के पूर्वानुमानों के अनुसार आने वाले दिनों में दिल्ली का AQI 'खराब' श्रेणी (200-300) में रहेगा. राजधानी में वायु गुणवत्ता में सुधार के संकेत मिलने के बाद GRAP-III की पाबंदियां हटा दी गईं.
किन चीजों में मिली छूट?
GRAP-III के तहत लगाए गए प्रतिबंधों में गैर-ज़रूरी निर्माण और विध्वंस कार्य, गैर-स्वच्छ ईंधन पर आधारित उद्योगों और ईंट भट्टों का संचालन, गैर-ज़रूरी डीज़ल जनरेटर सेटों का उपयोग और डीज़ल ट्रकों का प्रवेश शामिल था. अब इन पाबंदियों को हटा लिया गया है. इसके साथ ही बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल चार पहिया वाहनों को दिल्ली-एनसीआर में चलाने की अनुमति दे दी गई है.
अब भी लागू हैं कुछ प्रतिबंध
GRAP-I और GRAP-II के तहत कई प्रतिबंध अभी भी प्रभावी रहेंगे. आयोग ने कहा कि संबंधित एजेंसियां वायु गुणवत्ता की निगरानी और उपायों के सख्त कार्यान्वयन पर ध्यान देंगी ताकि AQI का स्तर और खराब न हो.
वायु गुणवत्ता सुधार के लिए प्रयास जारी
आयोग ने कहा कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए GRAP-I और GRAP-II के तहत लागू उपायों की निगरानी और समीक्षा की जाएगी. स्कूलों को निर्देश दिया गया था कि वे कक्षा 5 तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में कराएं. खुले में कचरा और बायोमास जलाने पर भी सख्त पाबंदी लागू रहेगी.