तीसरी बार NSA बनाए गए अजित डोभाल, पीके मिश्रा बने पीएम मोदी के प्रधान सचिव
जीत डोभाल को भी लागतार तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) बनाया गया है. वे एक बार फिर इसी पद पर बने रहेंगे. इसके साथ ही पीएम मोदी के प्रधान सचिव का भी बदलाव नहीं हुआ है. पीके मिश्रा भी अपने पद पर बने रहेंगे. इस संबंध में जारी लेटर में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अजीत डोभाल, आईपीएस (सेवानिवृत्त) की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी है. जो कि 10 जून से प्रभावी होगी.
देश में लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी लगातार तीसरी बार पीएम बने हैं. उसी तरह अजीत डोभाल को भी लागतार तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) बनाया गया है. वे एक बार फिर इसी पद पर बने रहेंगे. इसके साथ ही पीएम मोदी के प्रधान सचिव का भी बदलाव नहीं हुआ है. पीके मिश्रा भी अपने पद पर बने रहेंगे.
इस संबंध में जारी लेटर में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अजीत डोभाल, आईपीएस (सेवानिवृत्त) की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी है. जो कि 10 जून से प्रभावी होगी.पीके मिश्रा को अपने अपने कार्यकाल के दौरान कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा. पूर्व आईएएस अधिकारी अमित खरे और तरूण कपूर भी अगले आदेश तक पीएम मोदी के सलाहकार के रूप में बने रहेंगे.
कौन है अजीत डोभाल
1968 बैच के आईपीएस अधिकारी डोभाल पहली बार 31 मई 2014 को प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने थे. एनएसए के रूप में, अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) का नेतृत्व करेंगे, जिसकी प्राथमिक भूमिका राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर प्रधानमंत्री को सलाह देना है. अपने कार्यकाल के दौरान डोभाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा और उनकी नियुक्ति की शर्तें अलग से अधिसूचित की जाएंगी.
पहली बार कब बना एनएसए का पद
20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे डोभाल 1968 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में शामिल हुए. उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए उन्हें 1988 में कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. इसके अलावा, वह भारतीय पुलिस पदक प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के अधिकारी थे. बता दें कि एनएसए का पद पहली बार 1998 में बनाया गया था, जब देश में दूसरी बार परमाणु परीक्षण किया गया था.