अजमल कसाब ने मरने से पहले मांगे थे 2 टमाटर, क्या थी इस अजीबोगरीब मांग की वजह?

26 नवंबर 2008 को 10 आतंकवादियों ने मुंबई में घुसकर क्रूर हमला किया था. इसमें सैकड़ों निर्दोष लोग मारे गये. जबकि 9 आतंकवादी मारे गये, एकमात्र हमलावर अजमल कसाब को जीवित पकड़ लिया गया. कुछ साल बाद उसे पुणे की यरवदा जेल में फांसी दे दी गई. हालांकि, अपनी मौत से पहले अजमल कसाब ने एक अजीब मांग की थी, उसने 2 टमाटर मांगे थे. इसके पीछे क्या कारण था?

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

17 साल पहले 10 आतंकवादियों ने मुंबई में घुसकर कई जगहों पर गोलीबारी और बम फेंककर आतंकी हमला किया था. 26 नवम्बर 2008 को मुम्बई पर हुए आतंकवादी हमले में 160 से अधिक निर्दोष नागरिक मारे गये, घायलों की तो बात ही छोड़िए. यद्यपि इस हमले को कई वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन इसके घाव अभी भी ताज़ा हैं, ऐसे घाव जो कभी नहीं भरेंगे. आज भी उस काली रात को कोई नहीं भूल सकता जिसने सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान ले ली. मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड और देश के सबसे बड़े दुश्मन तहव्वुर राणा को हाल ही में भारत प्रत्यर्पित किया गया. मुंबईकरों पर क्रूर हमला करने वाले और अनेक लोगों की जान लेने वाले 10 आतंकवादियों में से 9 मारे गए, जबकि एकमात्र हमलावर अजमल कसाब को पुलिस के अदम्य साहस के कारण जीवित पकड़ लिया गया.

अजमल आमिर कसाब उन दस आतंकवादियों में शामिल था, जिन्होंने देश की वित्तीय राजधानी में तबाही मचाई थी. हमले के कुछ साल बाद अजमल कसाब पर मुकदमा चला और उसे मौत की सजा सुनाई गई. हालाँकि, फांसी पर लटकाए जाने से पहले अजमल कसाब ने एक अजीब मांग की थी. मरने से पहले उसने दो टमाटर मांगे थे. लेकिन वह

कसाब को जुहू चौपाटी से गिरफ्तार किया 

कसाब को मुंबई हमलों के अगले दिन जुहू चौपाटी से गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम समेत कई कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले की सुनवाई 2009 से 2010 तक विशेष अदालत में चली. इसके बाद 3 मई को अदालत ने अजमल कसाब को मुंबई आतंकी हमलों के लिए दोषी ठहराया और 6 मई को उसे मौत की सजा सुनाई.

कसाब के अंतिम शब्द क्या थे?

मौत की सजा सुनाए जाने के बाद कसाब ने दया की अपील की थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था. चार साल की कानूनी प्रक्रिया के बाद अंततः 21 नवंबर 2012 को सुबह 7.30 बजे उन्हें पुणे की यरवदा जेल में फांसी दे दी गई. मैं अल्लाह की कसम खाता हूं कि ऐसी गलती दोबारा कभी नहीं होगी, अल्लाह मुझे माफ करे, ये कसाब के मरने से पहले के आखिरी शब्द थे.

मरने से पहले 2 टमाटर मांगे

प्राप्त जानकारी के अनुसार कसाब को एक दिन पहले (मंगलवार) ही फांसी की सूचना दे दी गई थी, तब भी वह चुप रहा. सुबह छह बजे उठने के बाद उन्होंने सबसे पहले प्रार्थना की और फिर जेल अधिकारियों से दो टमाटर मांगे. लेकिन, यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि उन्होंने टमाटर क्यों मांगे. लेकिन जब उसने मरने से पहले दो टमाटर मांगे तो जेल अधिकारियों ने उसके लिए टमाटरों से भरी एक टोकरी लाकर दी. कट्साब ने उनमें से दो उठाए और एक खा लिया. लेकिन यह कभी नहीं समझा जा सकेगा कि उसने टमाटर क्यों मांगे थे, जो उसके साथ ही मर गए.

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16 April 2025, 11:27 AM IST

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