Akhilesh Yadav: मध्य प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने चुनावी मैदान तैयार करने में जुट गई है. राज्य की सत्ता में काबिज में बीजेपी ने चुनावी तारीखों के ऐलान होने से पहले ही कई सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी थी. वहीं कांग्रेस भी 144 उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी कर दिया है.
2024 लोकसभा चुनाव को देखते हुए विपक्षी दलों के नए गठबंधन इंडिया में शामिल समाजवादी पार्टी भी इस उम्मीद में थी की कांग्रेस मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कुछ सीटें देकर इस गठबंधन की परंपरा को आगे बढ़ाएगी. हालांकि, जब पार्टी ने उम्मीदवारों की सूची जारी की उसमें सपा को एक भी सीटें नहीं दी गई. जिसके बाद सपा प्रमुख ने अपनी नाराजगी जाहिर की.
INDIA गठबंधन में कभी मिलने नहीं जाते- अखिलेश
मीडिया से इस मुद्दे पर बात करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "पूर्व में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता ने बैठक बुलाई थी, जिसमें हमने उन्हें समाजवादी पार्टी की पूरी रिपोर्ट दिखाई. रात 1 बजे तक समाजवादी पार्टी के नेताओं को उन्होंने जगाया और आश्वासन दिया कि हम 6 सीटों पर विचार करेंगे लेकिन जब सीटें घोषित की गईं तो समाजवादी पार्टी शून्य रही. अगर मुझे पहले पता होता कि विधानसभा स्तर पर INDIA का कोई गठबंधन नहीं है तो हम उसमें कभी मिलने नहीं जाते. समाजवादी पार्टी के साथ जैसा व्यवहार होगा वैसा व्यवहार उनको (कांग्रेस) देखने को मिलेगा."
समाजवादी पार्टी की दूसरी सूची में 22 सीटों का ऐलान
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी की दूसरी सूची में मध्य प्रदेश में 22 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया गया है. इनमें दो सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है जबकि एक सीट अनुसूचित जाति जनजाति के लिए आरक्षित थी. इसके अलावा 19 सीटों पर सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों को मैदान में उतर गया है.
सपा ने कांग्रेस की बढ़ाई मुश्किलें
समाजवादी पार्टी ने 22 में से 6 सीटों पर महिलाओं को मैदान में उतारा है. सपा का मैदान में उतरना कांग्रेस के लिए घातक है. राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी और कांग्रेस फिलहाल साथ-साथ है. ऐसे में जब विधानसभा सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया तो लोकसभा में कैसे उनके बीच समझौता होगा. First Updated : Thursday, 19 October 2023