Caste Census Controversy: कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच जंग अब शांत होने का नाम नहीं ले रही है, दोनों पार्टियों की ओर से लगातार बयानबाजी हो रही है. ऐसा लग रहा है कि INDIA गठबंधन में अंदर कलई के कारण कुछ अच्छा होता नहीं दिख रहा है. कांग्रेस की ओर से हर चुनावी सभा में जातीय जनगणना की मांग के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तब उन्होंने जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई? इस टिप्पणी के बाद गठबंधन में एक तरह से फूट पड़ती हुई दिखाई दे रही है.
एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जातीय जनगणना का पक्ष लेते हुए कहा कि यह एक तरह से एक्स-रे है. जो देश के विभिन्न समुदाय की सच्चाई सामने ला सकता है. इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस की ओर से जातीय जनगणना की बात करना किसी चमत्कार से कम नहीं है. अखिलेश ने कहा कि अगर पिछली सरकार चाहती तो यह कार्य बहुत पहले ही हो जाता. बता दें कि अखिलेश यादव तब से नाराजगी जाहिर कर रहे है जब से उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से एक भी सीट ऑफर नहीं की गई है.
कांग्रेस पर तंज कसते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि अगर सत्ता में रहते हुए इस इसका समाधान कर देती तो आज समस्या इतनी नहीं बढ़ती. उन्होंने कहा कि अब तो सीटी स्कैन और ईएमआरआई का जमाना है. अखिलेश ने कहा कि यह वहीं पार्टी है जिसमें आजादी के बाद जातीय जनगणना पर रोक लगवा दी थी.
अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि जब नेता मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव, शरद यादव और दक्षिण की राजनैतिक पार्टियों ने लोकसभा में जातीय जनगणना की मांग उठाई थी. उस वक्त कांग्रेस ने इस फैसले पर साफ मना कर दिया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज इसलिए जातीय जनगणना कराना चाहती है क्योंकि उसके पास कोई पारंपरिक वोट बैंक नहीं बचा है. वहीं, दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोगों को पता है कि आजादी के बाद सबसे ज्यादा नइंसाफी किसी पार्टी ने की तो वह कांग्रेस है. First Updated : Tuesday, 14 November 2023