Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कटाक्ष करते हुए उनकी हालिया टिप्पणी को दोहराया कि मठाधीश और माफिया में ज्यादा अंतर नहीं है. अखिलेश यादव से उनकी टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरी भी तस्वीर देख लो आप और उनकी भी देख लो माफिया कौन लगेगा यह बता दो? इस पर वहां मौजूद सभी लोग खिलखिला उठे.
यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय गंगवार द्वारा अखिलेश यादव पर माफिया और अपराधियों का नेता होने का आरोप लगाने के एक दिन बाद आई है. गंगवार ने दावा किया था कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के बाद अखिलेश यादव ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है जिसके कारण वह बेतरतीब बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोगों ने अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे लोगों के साथ उनके रिश्ते को देखा है. उन्होंने आगे कहा कि एक गधा दूसरों को गधे की तरह ही देखता है. उन्होंने सुझाव दिया कि यादव की धारणाएँ उनके कार्यकाल के दौरान उनके अपने अनुभवों से प्रभावित हैं. मंत्री ने जोर देकर कहा कि वह खुद माफियाओं और अपराधियों के नेता हैं.
बुधवार को सीएम योगी ने सपा पर अपराधियों के आगे झुकने और धार्मिक नेताओं का अपमान करने का भी आरोप लगाया था. योगी ने एक कार्यक्रम में अखिलेश यादव के विवादित बयान का जिक्र करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के सदस्य कुख्यात माफियाओं और अपराधियों के सामने अपनी नाक रगड़ते थे. उनकी संस्कृति के अनुसार वे धार्मिक नेताओं को माफिया कहते हैं.
योगी ने कहा कि उन्होंने युवाओं का शोषण किया, किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर किया और व्यापारियों को पलायन करने पर मजबूर किया और कैराना (पलायन) जैसी घटनाएं उनके कारण हुईं. हिंदू व्यापारियों को उनके कारण कैराना से बाहर जाना पड़ा. अखिलेश यादव और राहुल गांधी का नाम लिए बगैर योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि दो लड़कों की जोड़ी उत्तर प्रदेश में विकास की बात कर रही है और वे पिछले 10 वर्षों का इतिहास भूल गए हैं जब राज्य में 'गुंडा' और 'माफिया राज' कायम था.
मठाधीशों को माफियाओं से तुलना करने वाले यादव के बयान पर हिंदू संगठनों ने भी नाराजगी जताई है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने उनके बयान की कड़ी निंदा की और सपा प्रमुख से माफी की मांग की. उन्होंने उनके बयान को अत्यंत निंदनीय और आपत्तिजनक बताया है. विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा, "यह पहली बार नहीं है जब अखिलेश यादव ने अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए हिंदू मान्यताओं और संतों का अपमान किया है. उन्हें पूज्य संतों सहित पूरे हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिए. First Updated : Thursday, 19 September 2024